Indian Army

एक आतंकी कबूल करता है कि पाकिस्तान के रावलपिंडी से आया है और लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा था। इसी वीडियो में दूसरा आतंकी बताता है कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गाजी आबाद शहर का रहने वाला है।

जहां एक ओर पाकिस्तान घाटी के लोगों को भड़काने में लगा हुआ है, वहीं दूसरी ओर घाटी के युवा देश के लिए मर-मिटने की शपथ लेकर भारतीय सेना में शामिल हो रहे हैं।

पाकिस्तान की नापाक हरकतों को नाकाम करने के लिए ही IBG बनाया गया है। यह सेना का सबसे बड़ा पुनर्गठन है और जनरल रावत इसके प्रमुख प्रस्तावक हैं। IBG का लक्ष्य सेना के विभिन्न प्रभागों को एक नये समूह में शमिल करना है। 

बैट में पाकिस्तानी सेना के स्पेशल फोर्स के जवानों और आतंकवादियों को भी रखा जाता है। इनकी कोशिश हमेशा भारतीय सीमा में घुसकर सैनिकों की हत्या करने की होती है।

इससे पहले पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने दावा किया था कि भारी हथियारों से लैस पाकिस्तान की सेना लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) की ओर बढ़ रही है।

धर्म सिंह तोमर का जन्म 1974 में हुआ था। पांच-बहनों में वे सबसे बड़े थे। वे 1996 को सेना में भर्ती हुए। कारगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के बाद वह ग्रेनेडियर्स में शामिल हुए और मिसाइल पॉयलट बन गए थे।

पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के (बॉर्डर एक्शन टीम) यानी बैट दस्ते ने शनिवार को उत्तरी कश्मीर में केरन (कुपवाड़ा) सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैन्य चौकी पर हमले का प्रयास किया, जिसे सेना के सतर्क जवानों ने नाकाम बना दिया।

वैश्विक मंच पर चाहे जितनी भी किरकिरी क्यों ना हो, पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाला है। पाकिस्तान ने एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया, जिसमें एक भारतीय जवान शहीद हो गया।

देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों को भी पार कर लेता है। यह वो जज्बा है जिसमें वतन के आगे अपनी जान भी प्यारी नहीं लगती। ऐसे ही जज्बे से भरे एक नौजवान की कहानी हम आज आपको बता रहे हैं।

जम्मू कश्मीर दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में ठोस कदम भी उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सरकार राष्ट्रीय राइफल्स (RR) के मुख्यालय को दिल्ली से ऊधमपुर शिफ्ट करने की तैयारी में है।

घातक कमांडो मुख्य रूप से एक ‘Shock Troop‘ यानी दुश्मन को चौंका देने वाली टुकड़ी की तरह काम करती है। इसके जवान बटालियन की सबसे अगली पंक्ति में तैनात रहते हैं।

शहीद कैप्टन मनोज कुमार पांडेय (Captain Manoj Kumar Pandey), कारगिल युद्ध (Kargil War) में अपनी जान कुर्बान करने वाले इस वीर को परिचय की आवश्यकता नहीं है।

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद अनिल घायल हो गए थे।

सेना और पुलिस के जवानों की टीम ने पूरे इलाके को घेर कर तलाशी अभियान शुरू किया। सुरक्षाबलों को एक पहाड़ी मिली जिसका अगला भाग थोड़ा कटा हुआ था। उसे सूखे पौधों से ढक कर रखा गया था। सुरक्षाबलों को शक हुआ। उन्होंने पौधों को हटाना शुरू किया तो एक छोटा सा खुला भाग मिला। जो पहाड़ी के अंदर बने हुए गुफा में जाता था।

सुरक्षाबलों को खबर मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद के 2 से 3 आतंकी अनंतनाग में वेरीनाग के पास नौगाम इलाके में छिपे हुए हैं। इसकी सूचना मिलते ही 8 मई की सुबह सुरक्षाबलों के संयुक्त अभियान दल ने आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया।

आगरा के वीर सपूत अमित चतुर्वेदी के परिवार के लिए यह दिन खुशियों वाला होता है। लेकिन देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमित का 3 जून को अंतिम संस्कार किया गया।

प्रवीण कुमार जम्मू के लेह में तैनात थे। प्रवीण वर्ष 1993 में रांची के बीआरओ के जरिये सेना की सेवा में आए। सेना में यह उनके बेहतरीन काम का ही परिणाम था कि वो प्रोमोशन पाकर नायाब सूबेदार बन गए थे।

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