
सीमा पर सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय सेना पाकिस्तान बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (IBG) तैनात करने की तैयारी में है।
जम्मू-कश्मीर में भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से ही सीमा पर तनावपूर्ण माहौल है। सीमा पर सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय सेना पाकिस्तान बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (IBG) तैनात करने की तैयारी में है। रक्षा मंत्रालय की ओर से भी इसकी मंजूरी मिल गयी है। इस साल के अंत तक भारतीय सेना 3,323 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच अपने पहले IBG को तैनात करने के लिए तैयार है। यह जानकारी थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने दी। जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने 11वीं वाहिनी के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है, जो हिमाचल प्रदेश के योल में स्थित है।
मंत्रालय के अनुसार, योल स्थित सेना की 11वीं वाहिनी से IBG का गठन कर उसे पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा। गौरतलब है कि साल 2009 में गठित सेना की 11वीं वाहिनी उसकी सबसे युवा टुकड़ियों में से एक है। यह हरियाणा के चंडीमंदिर स्थित सेना के पश्चिमी कमान का अंग भी है। पाकिस्तान की नापाक हरकतों को नाकाम करने के लिए ही IBG बनाया गया है। यह सेना का सबसे बड़ा पुनर्गठन है और जनरल रावत इसके प्रमुख प्रस्तावक हैं। IBG का लक्ष्य सेना के विभिन्न प्रभागों को एक नये समूह में शमिल करना है।
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इसमें तोप, टैंक, वायु रक्षा एवं साजो-सामान शामिल होंगे। इसे जंग के लिए पूरी तरह से तैयार इकाई बनाने की संभावना है। यह सेना की पुरानी लड़ाई के तरीकों से कुछ अलग होगी। युद्ध जैसे हालात में दुश्मनों से निपटने के लिए IBG काफी कारगर होगी। प्रत्येक इंटीग्रेटिड बैटल ग्रुप्स में कम से कम तीन ब्रिगेड शामिल होंगे। IBG औसतन छोटा होगा और लड़ाई के लिए आवश्यक सभी हथियार और सैनिकों से लैस होगा। इसके पास वायु शक्ति, तोपखाने आदि होंगे।
जहां पर इसकी तैनाती की जायेगी उस ग्रुप के पास के हर ब्रिगेड में 6 से 8 बटालियन होगी। सेना के एक अधिकारी के अनुसार, IBG में करीब-करीब 20 से 25 हजार जवान शामिल होंगे। हालांकि, यह अन्य यूनिट से समर्थन ले सकता है। IBG छोटे और अधिक फ्लेक्सिबल होंगे, ताकि वे त्वरित कार्रवाई के लिए हमेशा तैयार रहें। प्रत्येक IBG की कमान प्रमुख जनरल रैंक के एक अधिकारी को सौंपी जाएगी।
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