फाइल फोटो
अमेरिका की ओर से सबसे मजबूत और खतरनाक बताए जा रहे पैटर्न टैंक से सीधी लड़ाई में भारतीय सेना (INDIAN ARMY) ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी।
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में के दौरान सियालकोट (पाकिस्तान) के फिल्लौरी नामक जगह पर निर्णायक युद्ध था। इसे भारतीय सेना (INDIAN ARMY) इतिहास में सबसे घातक युद्धों में शामिल किया जाता है। 7 से 13 सितंबर तक चले इस युद्ध में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थी।
पाकिस्तान के सियालकोट सेक्टर के नजदीक फिल्लौर के क्षेत्र पर अधिकार करने की जिम्मेदारी प्रथम आमर्ड डिवीजन के तहत पूना हार्स रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टीनेंट कर्नल एबी तारापोर को सौंपी गई।
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7 सितंबर को फिल्लौरी में रेजीमेंट का सामना पाकिस्तान की पैटर्न टैंक डिवीजन से हुआ। अमेरिका की ओर से सबसे मजबूत और खतरनाक बताए जा रहे पैटर्न टैंक से सीधी लड़ाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। युद्ध में भारतीय सेना के पांच ऑफिसर और 64 सैनिक शहीद हुए थे। शहीद कर्नल एबी तारापोर को अभूतपूर्व साहस के लिए उन्हें मरणोपरांत सेना के सबसे बड़े सैन्य सम्मान ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया।
पाकिस्तानी सेना के 65 पैटर्न टैंक बर्बाद हो गए। युद्ध में पूना हार्स के केवल नौ टैंक बर्बाद हुए थे। पाक सैनिकों के टैंकों को ढेर करने के बाद तो सेना का हौसला सातवें आसमान पर पहुंच गया था। सियालकोट सेक्टर में कई जगहों पर दोनों मुल्कों की तरफ से भयंकर टैंक युद्ध लड़ा गया। भारत सियालकोट सेक्टर से होता है पाकिस्तान में लगभग 35 किलोमीटर तक अंदर घुस गया था।
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