Odisha: नक्सली नेताओं के रवैये से थे परेशान, मलकानगिरि में 6 लाख के इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर

ओडिशा (Odisha) के मलकानगिरि जिले में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ पुलिस को कामयाबी मिली है। मलकानगिरी जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी ऋषिकेश खिलारी के सामने दो इनामी नक्सलियों ने आत्मसर्पण (Surrender) कर दिया।

Naxals

मलकानगिरि में 6 लाख के इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर।

ओडिशा (Odisha) के मलकानगिरि जिले में नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ पुलिस को कामयाबी मिली है। मलकानगिरी जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी ऋषिकेश खिलारी के सामने 12 जुलाई को दो इनामी नक्सलियों ने आत्मसर्पण (Surrender) कर दिया। इनमें एक महिला नक्सली (Woman Naxali) भी शामिल है। ये दोनों ही कुख्यात नक्सली थे और इन पर प्रशासन की ओर से कुल 6 लाख का इनाम घोषित था।

आइजी ऑपरेशन अमिताभ ठाकुर के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों (Naxals) में इनामी नक्सली कन्ना मार्डी और महिला नक्सली लाके पूनम शामिल हैं। सरकार ने कन्ना मार्डी पर चार लाख और लाके पूनम पर दो लाख रुपये इनाम घोषित कर रखा था।

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बता दें कि मलकानगिरी जिला के कालीमेला के सुदाकोंडा गांव का रहने वाला कन्ना माड़ी साल 2013 में कालीमेला दलम में शामिल हुआ था। तब से लेकर फरवरी, 2020 तक वह 10 से अधिक नक्सली वारदातों में शामिल रहा है। उसके प्रभाव को देखते हुए पार्टी ने उसे एरिया कमेटी का मेंबर बनाया था। कन्ना को पकड़ने के लिए ओडिशा सरकार की ओर से चार लाख रुपए इनाम घोषित किया गया था।

वहीं, छत्तीसगढ़ के बीजापुर के भूसन गांव की रहने वाली महिला नक्सली लाके पूनेम ने भी पुलिस अधीक्षक खिलारी के समक्ष आत्मसमर्पण किया। वह साल 2018 में दक्षिण बस्तर डिवीजन में पार्टी मेंबर के रूप में शामिल हुई थी। लाके पर सरकार ने दो लाख का इनाम घोषित किया था।

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लाके के अनुसार, वह नक्सल संगठन (Naxal Organization) में नक्सली नेताओं (Naxal Leaders) के रवैये से परेशान थी। मलकानगिरी जिला के स्वाभिमान अंचल में मुख्यमंत्री सहित पुलिस महानिदेशक के आवह्वान के बाद उसने भी संगठन को छोड़ने का मन बना लिया। बता दें कि मलकानगिरी जिला का स्वाभिमान अंचल धुर नक्सल प्रभावित इलाका है।

हालांकि, गुरुप्रिया सेतु निर्माण के बाद स्वाभिमान अंचल में हो रहे विकास से इलाके की सूरत में बदलाव आ रहा है। सरकार और प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे आत्मसमर्पण अभियान का असर देखने को मिल रहा है। सकार की सरेंडर नीतियां भी रंग ला रही हैं। उसी का असर है कि इन दो इनामी नक्सलियों (Naxals) ने नक्सलवाद (Naxalism) छोड़कर समाज के मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है।

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