सांकेतिक तस्वीर।
प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक माओवादियों (Maoists) ने 2006 से जुलाई 2020 तक मुखबिरी के शक में 294 हत्याएं कीं। सबसे ज्यादा हत्याएं 2010 में की गईं। इस साल 53 हत्याएं हुईं। इससे पहले 2008 में माओवादियों ने 43 लोगों की हत्या की थी।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर के बारे में चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। यह एक माओवाद से प्रभावित इलाका है और यहां अक्सर सुरक्षाबलों और माओवादियों (Maoists) के बीच मुठभेड़ की खबरें सामने आती रहती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजापुर (Bijapur) प्रशासन ने जो डाटा उपलब्ध करवाया है, उसमें ये बात सामने आई है कि 2006 से 17 जुलाई 2020 के बीच 294 लोगों की हत्या कर दी गई। ये हत्याएं पुलिस की मुखबिरी करने की सजा के तौर पर की गईं।
वहीं अन्य मामलों में भी बीते 14 सालों में माओवादियों ने 602 लोगों की हत्याएं की हैं।
बता दें कि ये आंकड़ा बीजापुर के स्थानीय पत्रकार गणेश मिश्रा को प्रशासन ने उपलब्ध करवाया है, जिसके बाद से ये आंकड़ा सुर्खियों में बना हुआ है।
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प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक माओवादियों ने 2006 से जुलाई 2020 तक मुखबिरी के शक में 294 हत्याएं कीं। सबसे ज्यादा हत्याएं 2010 में की गईं। इस साल 53 हत्याएं हुईं। इससे पहले 2008 में माओवादियों ने 43 लोगों की हत्या की थी।
मिली जानकारी के मुताबिक 2007 में 19, 2009 में 39, 2011 में 37, 2012 में 20, 2013 में 10, 2014 में 15, 2015 में 12, 2016 में 11, 2017 में 6, 2018 में 10 और 2019 में 9 लोगों की हत्या हुई।
छत्तीसगढ़ में माओवादी बम या गोलीबारी के जरिए भी लोगों की हत्याएं करते हैं। वह वाहनों को अपना निशाना बनाते हैं और विस्फोट के जरिए उन्हें उड़ा देते हैं।
इसके अलावा माओवादी राहत शिविरों पर भी हमला करते हैं। ऐसे हमलों में बीते 14 सालों में 9 लोगों की जान गई है।
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