Maoists

पुलिस अधिकारियों ने नक्सलियों (Naxalites) को प्रशासन से मिलने वाली पुनर्वास सुविधाओं का लाभ देने का भरोसा दिया, साथ ही प्रोत्साहन राशि का चेक भी वितरित किया।

आत्मसमर्पण करने वाले इन सभी नक्सलियों के खिलाफ पुलिस टीम पर हमले, सड़क छतिग्रस्त, ग्रामीणों की हत्या व लेवी वसूलने जैसे कई मामले दर्ज हैं

दो साल पहले आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली इन दोनों के अधीन कार्यरत थे। उन पूर्व नक्सलियों के जरिये ही पुलिस ने इन दोनों कुख्यात नक्सलियों (Naxalites) से संवाद स्थापित किया और इन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए बाध्य किया। 

सरेंडर करने वाली महिला नक्सली ने संगठन में बड़े नक्सली नेताओं की मनमानी, शोषण, उदासिनता के अलावा बाहरी राज्यों के नक्सलियों को प्राथमिकता देने जैसी घटनाओं से तंग आकर पुलिस के सामने अपने हथियार डाल दिये।

पिछले कुछ महीनों में जिले में प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे पुना नर्कोम अभियान के तहत इनामी सहित करीब 200 नक्सलियों ने हिंसा छोड़ मुख्य धारा में लौट चुके हैं।

नक्सलियों के इस हमले में सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट विभोर सिंह, रेडियो ऑपरेटर सुरेंद्र कुमार और हवलदार सुमन पांडे घायल हो गये।

पुलिस टीम ने घटनास्थल से एक नक्सली पर्चा भी बरामद किया है जिसमें नक्सलियों (Naxalites) ने जवान की हत्या की जानकारी दी है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर अपनी छानबीन शुरू कर दी है।

सभी उग्रवादियों (Maoist) ने एक कार्बाइन, एक पंप एक्शन बंदूक, दो .22 बोर की राइफल, एक .303 बोर की राइफल, एक हैंडग्रेनेड और दो पिस्तौल भी पुलिस को सौंप दिया।

सुरक्षाबलों ने करीब 15-15 किलो के दो केन बम को जब्त कर माओवादियों (Maoists) के मनसूबों पर पानी फेर दिया।

सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ की कोबरा 201 बटालियन व डीआरजी के जवानों पर नक्सलियों (Naxalites) के समूह ने फायरिंग कर दी। जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गया।

मृतक बोयराम लुगुन पालुहासा जंगल में चल रहे सरकारी काम के तहत एक ठेकेदार के लिए बतौर मुंशी काम कर रहे थे। माओवादियों (Maoists) ने उन्हें जंगल से बंधक बनाकर गोईलकेरा-चाईबासा मार्ग पर ले जाकर गोली मारी।

दंतेवाड़ा जिले में ‘लोन वर्राटू (Lon Varratu)’ के तहत नक्सलियों की घर वापसी के लिए थाना, शिविरों और ग्राम पंचायत स्तर पर प्रयास किया जा रहा है।

ओरछा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गुदाड़ी गांव में नक्सलियों (Naxalites) ने दो ट्रैक्टर और एक जेसीबी मशीन में आग लगा दी।नक्सली वहां से भागने से पहले वाहन चालकों और उनके सहायकों का मोबाइल फोन भी छीन लिया।

सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के पास से बड़ी संख्या में हथियार और गोलाबारुद भी जब्त किया है। जिनमें 35 डेटोनेटर, 6 जिलेटिन की छड़ें, 2 आईईडी, बैटरियां, तार और अन्य सामग्रियां हैं।

सभी नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ आस-पास के थानों में कई मामले दर्ज हैं। ये वर्षों से नक्सल संगठन में सक्रिय थे और हत्या की कोशिश, सड़क तोड़ना, फिरौती, पुलिस टीम पर हमला और पोस्टर-बैनर चस्पा करने जैसे कई अपराधों में शामिल थे।

मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की छानबीन के दौरान डीआरजी के जवानों ने एक 12 बोर की बंदूक, दो देसी रिवाल्वर, एक मज्जल लोडिंग गन, दो आईईडी, तार, दवाएं, माओवादी साहित्य और अन्य दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं बरामद की हैं।

समर्पण करने वाले नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ जिले के कई थानों में सड़क छतिग्रस्त करने, आइईडी विस्फोटक लगाने, बैनर पोस्टर लगाने, पुलिस टीम पर हमला करने व हथियार लूटने और स्कूल परिसर में तोड़-फोड़ करने जैसे कई मामले दर्ज हैं।

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