झारखंड: खूंटी के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में दिखा महिलाओं का जज्बा, करेंगी लेमनग्रास की खेती

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) खूंटी जिले में महिलाओं का खेती की ओर रूझान बढ़ा है। ये महिलाएं बहुत ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं पर इनमें कुछ कर दिखाने का जज्बा है।

Naxal Area

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नक्सल प्रभावित (Naxal Area) खूंटी जिले में महिलाओं का खेती की ओर रूझान बढ़ा है। ये महिलाएं बहुत ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं पर इनमें कुछ कर दिखाने का जज्बा है।

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) खूंटी जिले में महिलाओं का खेती की ओर रूझान बढ़ा है। ये महिलाएं बहुत ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं पर इनमें कुछ कर दिखाने का जज्बा है। जिले के अड़की प्रखंड के धुर नक्सल प्रभावित इलाके लाउली, रेसूद, ईचाहातू आदि गांवों की दीदीयों में लेमनग्रास की खेती को लेकर रुझान बढ़ा है।

इसी को लेकर 22 जुलाई को प्रखंड के सुदूरवर्ती बोहोंडा पंचायत मुख्यालय में जेएसएलपीएस के अड़की कार्यालय द्वारा पंचायत स्तरीय सखी मंडल की प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई। इसमें बीपीएम सबीता संगा ने जेएसएलपीएस द्वारा संचालित विभिन्न आजीविका से जुड़ी योजनाओं की विस्तार पूर्वक जानकारी दी।

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उन्होंने महिलाओं को लेमनग्रास की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही लेमनग्रास की खेती करने के सही तरीके और इसके फायदों के बारे में भी बताया। इस बैठक में यह तय हुआ कि अगली बैठक में महिलाएं इसकी खेती के लिए लाभुकों की सूची तैयार करेंगीं। बैठक में महिला समूहों को मजबूत बनाने पर चर्चा की गई।

बैठक में आजिवीका किसान मित्र और आजिवीका पशु मित्र के खाली पदों का जल्द भरने का भी फैसला हुआ। इसके अलावा, महिलाओं को नाडेफ, बिरसा हरित ग्राम योजना की जानकारी देते हुए कोरोना वैक्सीनेशन और केसीसी का महत्व भी बताया गया। इससे पहले, बीपीएम और बीआरपी बिरबांकी के ग्रामसभा में शामिल होकर जेएसएलपीएस और सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई।

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ग्रामसभा में ही यह तय किया गया कि रविवार को महिला समूहों की बैठक बिरबांकी में आयोजित की जाएगी। बैठक में नक्सल प्रभावित (Naxal Area) रेसूद, बोहोंडा, बनमगड़ा, लाउली, कुरूंगा आदि गांवों की दीदीयां शामिल हुईं।

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बोहोंडा पंचायत में तो मोबाईल कनेक्टिविटी तक नहीं है। सड़कें जर्जर हैं और ग्रामीण महिलाओं में अशिक्षा बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद वे कुछ करना चाहती हैं और इसमें जेएसएलपीएस की ओर से उन्हें पूरी मदद मिल रही है।

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