छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित नारायणपुर की महिलाओं का जज्बा, इस तरह हो रहीं आत्मनिर्भर

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) नारायणपुर जिले की जगदम्बा महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने वो कर दिखाया है, जिसके लिए जज्बा चाहिए।

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इन महिलाओं द्वारा तैयार किया गया माड़ का फूलझाड़ू छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अलावा 45 हजार फूलझाड़ू देश की राजधानी दिल्ली भेजा गया है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित (Naxal Area) नारायणपुर जिले की जगदम्बा महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने वो कर दिखाया है, जिसके लिए जज्बा चाहिए। सुविधाओं के अभाव और नक्सलियों की हिंसा के बीच की महिलाएं फूल-झाड़ू बनाकर अच्छी खासी कमाई कर रही हैं और आत्मनिर्भर हो रही हैं।

जगदंबा महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष बुधयारिन देवांगन बताती हैं कि नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक में फूलझाड़ू प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ओरछा ब्लॉक की स्व सहायता समूह की 70 महिलाओं द्वारा फूलझाड़ू इकट्ठा किया जाता है। फूलझाड़ू प्रसंस्करण का काम छोटेडोंगर और नारायणपुर के 20 महिला स्व सहायता समूह के 200 सदस्यों द्वारा किया जाता है।

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आज फूलझाड़ू प्रसंस्करण में कुल 300 महिलाओं के लिए आजीविका का साधन बन गया है। समूह की महिलाओं द्वारा बाजार में मांग के अनुसार विभिन्न प्रकार के फूलझाड़ू का निर्माण किया जाता है। इससे समूह की महिलाओं को निरंतर प्रसंस्करण कार्य के साथ-साथ अधिक से अधिक फायदा हो रहा है।

उनके द्वारा तैयार किया गया माड़ का फूलझाड़ू छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अलावा 45 हजार फूलझाड़ू देश की राजधानी दिल्ली भेजा गया है। नारायणपुर फूलझाड़ू प्रसंस्करण केंद्र में काम कर रही महिला स्व सहायता समूह के 34 सदस्यों ने अब तक 1 लाख 29 हजार 708 फूलझाड़ू का निर्माण किया गया है, जिसमें से 42 हजार 650 फूलझाड़ू बेचा जा चुका है।

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फूलझाड़ू निर्माण से हर सदस्य को औसत 13 हजार 531 रुपये का भुगतान किया गया है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, साल 2020-21 में महिलाओं द्वारा 1042.22 क्विंटल फूलझाड़ू घास का संग्रहण किया गया था। जिसमें संग्राहकों को 50 लाख 17 हजार 100 रुपये का भुगतान किया गया था।

इस फूलझाड़ू घास से समूह की महिलाओं द्वारा एक लाख 29 हजार 708 नग पाईप फूलझाड़ू और केन फूलझाड़ू का निर्माण किया गया। इसमें समूह की महिलाओं को 5 लाख 84 हजार 142 रुपये की कमाई हुई।

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इसी तरह, साल 2021-22 में महिलाओं द्वारा अब तक 496.04 क्विंटल फूलझाड़ू घास का संग्रहण किया गया, जिसमें संग्राहकों को 24 लाख 80 हजार 200 रुपए का भुगतान किया गया। इसमें समूह की महिलाओं को 49 हजार 604 रुपये मिला। झाड़ू निर्माण से जुड़ी महिलाएं अपनी कमाई से आज अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के साथ-साथ घर का खर्च भी उठा रही हैं।

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