छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित इलाके की लड़कियां सीख रहीं आत्मरक्षा के गुर

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Area) की लड़कियों के लिए जितना शिक्षा और स्वरोजगार आवश्यक है, उतनी ही आत्मरक्षा भी। इसलिए नक्सल इलाके की लड़कियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है।

Naxal Area

लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखातीं बरखा।

बरखा ने प्रदेश के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) मैनपुर, कांकेर, गरियाबंद, देवभोग आदि जगहों पर जाकर ग्रामीण अंचलों की युवतियों को कराटे का निःशुल्क प्रशिक्षण देना शुरू किया।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके (Naxal Area) की लड़कियों के लिए जितना शिक्षा और स्वरोजगार आवश्यक है, उतनी ही आत्मरक्षा भी। इसलिए नक्सल इलाके की लड़कियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है। और यह काम कर रही हैं रायपुर के अभनपुर की रहने वाली बरखा राजपूत। लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने का मकसद है कि वे अपने हक की लड़ाई खुद लड़ सकें।

बरखा राजपूत ने पिछले आठ सालों में दस हजार से अधिक युवतियों को कराटे का प्रशिक्षण देकर उन्हें निडर और सबल बनाने का काम किया है। बरखा का कहना है कि कराटे सीखकर युवतियां आत्मनिर्भर बनें और आगे बढ़ें। कई बार ऐसा होता है कि मनचलों से परेशान होकर लड़कियों को पढ़ाई तक छोड़नी पड़ती है।

Pulwama Attack: जांच में खुलासा, आतंकियों ने बनाया था वीडियो बनाने का प्लान

ऐसे में कराटे सीखकर वे अपनी रक्षा खुद कर सकती हैं। उन्हें न तो पढ़ाई छोड़नी पड़ेगी और न ही पर होकर वे कोई गलत कदम उठाएंगी। बरखा राजपूत कहती हैं कि साल 2010 में स्कूल में पढ़ाई के दौरान उनको एक बार छेड़छाड़ का सामना करना पड़ा था। उस समय उनके सकूल में कराटे का प्रशिक्षण चल रहा था। उस घटना के बाद उन्होंने कराटे सीखने का फैसला कर लिया।

वह बताती हैं कि मुझे लगता है कि आज के समय में हर महिला को आत्मनिर्भर होना चाहिए। स्कूल में कराटे की प्रशिक्षण लेने के बाद बरखा ने नासिक जाकर कराटे की विधिवत ट्रेनिंग ली। वहां से वापस लौटने पर उन्होंने  गांव की युवतियों को कराटे की ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया, क्योंकि वहां युवतियों को आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण नहीं मिलता था।

Covid-19: Unlock-4 में दिल्ली मेट्रो, बार सहित ये सेवाएं हो सकती हैं शुरू…

इसके बाद बरखा ने प्रदेश के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) मैनपुर, कांकेर, गरियाबंद, देवभोग आदि जगहों पर जाकर ग्रामीण अंचलों की युवतियों को कराटे का निःशुल्क प्रशिक्षण देना शुरू किया। बरखा ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में कैंप लगाकर युवतियों को आत्मरक्षा की बारीकियां सिखाती हैं, ताकि हर लड़की सुरक्षित और निडर होकर समाज के बीच रह सकें।

ये भी पढ़ें-

बरखा गांवों में 15 दिन का शिविर लगाकर कराटे सिखाती हैं। खास बात यह है कि वह ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में छात्राओं को ट्रेनिंग देती हैं। स्कूल की सभी छात्राओं को इसमें शामिल किया जाता है, ताकि वे मनचलों से खुद निपट सकें और बिना किसी डर के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। अब तक वह नक्सल ग्रस्त इलाके (Naxal Area) की करीब दस हजार से ज्यादा युवतियों को कराटे का प्रशिक्षण दे चुकी हैं।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें