Pulwama Attack: जांच में खुलासा, आतंकियों ने बनाया था वीडियो बनाने का प्लान

पुलवामा में पिछले साल फरवरी में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले (Pulwama Attack) में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों (Terrorists) ने हमले का वीडियो बनाने की भी योजना बनाई थी।

Pulwama Attack

फाइल फोटो।

हमले के मास्टरमाइंड मोहम्मद उमर फारुख ने पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के बाद भारतीय सैनिकों के शवों के वीडियो बनाकर जम्मू-कश्मीर में युवाओं को दिखाने का प्लान बनाया था।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा में पिछले साल फरवरी में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले (Pulwama Attack) में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों (Terrorists) ने हमले की वीडियो बनाने की भी योजना बनाई थी। इतना ही नहीं, हमला करने वाले आतंकी आदिल डार को उन्होंने शहीद करार दिया था। इस हमले की जांच से जुड़े लोगों के हवाले से ये जानकारी मिली है।

मिली जानकारी के मुताबिक, 21 साल का आदिल डार फरवरी, 2018 में ही पुलवामा स्थित अपने गांव से लापता हो गया था। उसके पिता ने तब उसकी तलाश के लिए पुलिस शिकायत भी दर्ज कराई थी। बुरहान वानी की तरह, वह भी युवा था और वह 2016 में बुरहान के एक एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेता था।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा आरोप पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि आतंकवादी और आत्मघाती हमले के मास्टरमाइंड मोहम्मद उमर फारुख ने पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के बाद भारतीय सैनिकों के शवों के वीडियो बनाकर जम्मू-कश्मीर में युवाओं को दिखाने का प्लान बनाया था, ताकि उन्हें आतंकी समूह में शामिल होने के लिए राजी किया जा सके।

एक अधिकारी के अनुसार, “भारतीय एयरफोर्स द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश शिविरों पर एयर स्ट्राइक के बाद यह योजना अमल में नहीं आई।” एनआईए (NIA) ने जैश के आत्मघाती हमलों को अंजाम देने की साजिश की जानकारी को दूसरी एजेंसियों के साथ भी साझा की है। एनआईए के एक अधिकारी के मुताबिक, फारुख को अफगानिस्तान में हेलमंद प्रांत में भी प्रशिक्षित किया गया था।

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वहीं, सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले 18 महीनों में जैश का प्रभाव दक्षिण कश्मीर के इलाकों में बढ़ा है और यहां से कई युवाओं के लापता होने का एक कारण यह भी है।

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आंकड़ों से पता चलता है कि जैश पिछले तीन सालों से धीरे-धीरे अपने कॉडर को मजबूत कर रहा है। यह भी खबर है कि साल 2018 के बाद से लापता हुए 80 से अधिक युवा जैश में शामिल हो चुके हैं। इनमें से 43 पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के बाद इस आतंकी संगठन में शामिल हुए हैं।

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