छत्तीसगढ़: बीजापुर के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों को जोड़ेंगी सड़कें, ध्वस्त हो जाएगा नक्सलियों का एक और गढ़

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में तेजी से विकास हो रहा है। यहां लगातार सड़कों को निर्माण हो रहा है।

Naxalites

गंगालूर को दंतेवाड़ा की सीमा से सटे हाइवे के किनारे बसे गांव नेलसनार से जोड़ने के लिए 53 किमी लंबी सड़क का निर्माण हो रहा है। इस रास्ते के बीच में ही पुसनार गांव है जो नक्सलियों (Naxalites) का पनाहगाह बना हुआ है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में तेजी से विकास हो रहा है। यहां लगातार सड़कों को निर्माण हो रहा है। यही वजह है कि नक्सलियों (Naxalites) का परेशानी बढ़ गई है। इसी कड़ी में गंगालूर को दंतेवाड़ा की सीमा से सटे हाइवे के किनारे बसे गांव नेलसनार से जोड़ने के लिए 53 किमी लंबी सड़क का निर्माण हो रहा है।

इससे इस इलाके के करीब दो दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क हो जाएगा। इतना ही नहीं, सड़क के साथ ही इस इलाके में पुसनार में फोर्स का कैंप भी बनाने की योजना है। बता दें कि गंगालूर एक जमाने में नक्सलियों का गढ़ रहा। यहां पर सड़कें नहीं थीं, जिसकी वजह से नक्सलियों ने इलाके में अपनी पैठ बना ली थी।

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खराब रास्तों पर बीजापुर से गंगालूर की 22 किमी दूरी बाइक से तय करने में चार से पांच घंटे लगते थे। यह सड़क सलवा जुडूम के दौर में बनाई गई थी। तब नक्सलियों ने इसे चुनौती दी थी। गंगालूर के आगे कोई सड़क नहीं है। पैदल रास्तों पर जंगल में बसे गांव नक्सलियों के ठिकाने हैं।

मार्ग के छोटे पुलों के निर्माण का काम किया जा रहा है। मरी नदी के बड़े पुल के लिए ब्रिज कारपोरेशन टेंडर जारी करने वाला है। 18 किमी सड़क का डामरीकरण भी हो चुका है।

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बता दें कि गंगालूर से नेलसनार तक 53 किमी सड़क निर्माण 73 करोड़ में काम होना है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने निविदा के तहत सात ठेकेदारों को टुकड़े-टुकड़े में ठेका दिया है। पिछले वर्ष से काम चल रहा है। नेलसनार की ओर से 18 किमी तक डामरीकरण हो चुका है। गंगालूर की तरफ से बुरजी तक करीब पांच किमी मार्ग का डब्ल्यू्‌बीएम हो चुका है।

इस रास्ते के बीच में ही पुसनार गांव है जो नक्सलियों (Naxalites) का पनाहगाह बना हुआ है। नक्सली खतरे को देखते हुए बिना फोर्स के कोई भी ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं है।

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यह सड़क बन जाने से बीजापुर जिले के करीब 20 गांव तो मुख्यालय से तो जुड़ेंगे ही साथ ही पुसनार समेत अन्य गांव फरसपाल के रास्ते दंतेवाड़ा से भी सीधे जुड़ जाएंगे। नक्सली जानते हैं कि सड़क निर्माण के लिए फोर्स का कैंप खुलेगा। इसलिए वे ग्रामीणों को आगे कर विरोध कर रहे हैं। वे जानते हैं कि सड़क बनने से यहां उनका एक और किला ढह जाएगा।

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