नक्सलियों की सप्लाई चेन रोकने की तैयारी, केंद्र के इस फैसले से बदलेगी इन इलाकों की किस्मत

झारखंड समेत देश के सभी नक्सल प्रभावित राज्यों में अब विकास की बयार बह रही है। इसकी गति को तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस लिया है। इसके लिए, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से प्रस्ताव मांगा है।

Naxal Area

झारखंड समेत देश के सभी नक्सल प्रभावित राज्यों में अब विकास की बयार बह रही है। इसकी गति को तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस लिया है। इसके लिए, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से प्रस्ताव मांगा है। इसके तहत, राज्य सरकारों को नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में आवागमन की सुविधा बढ़ाने के लिए योजना बनाकर उसका प्रस्ताव भेजना है। सरकार का मकसद, इन क्षेत्रों से नक्सलियों को जड़ से खत्म करना है। इसके लिए जरूरी है कनेक्टिविटी। कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो रोजगार के मौके बढ़ेंगे। रोजगार होने से इन इलाकों के लोग नक्सलियों से दूर हो पाएंगे क्योंकि बेरोजगारी के चलते इन इलाकों के लोग नक्सलियों के चंगुल में फंस जाते हैं।

यही कारण है कि इन इलाकों (Naxal Area) में विकास के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों के मुख्य सचिवों से प्रस्ताव मांगा है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पुल पुलिया का निर्माण किया जाना है। इस संदर्भ में गिरिडीह जिले के नक्सल प्रभावित गांवों का भी नाम चयनित किया गया है।

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इस संबंध में उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने नक्सल क्षेत्र (Naxal Area) के 319 सड़क एवं 108 पुल पुलिया के निर्माण के लिए अनुशंसा कर दी है और राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आराधना पटनायक को पत्र लिखकर सूचित कर दिया गया है। बता दें कि इन योजनाओं की स्वीकृति के बाद जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में कुल 913.17 किलोमीटर सड़क का निर्माण संभव हो सकेगा।

इसमें मुख्य रूप से बेंगाबाद में 111.80 किलोमीटर, गांडेय में 140.15 किलोमीटर, जमुआ में 7 किलोमीटर, देवरी में 80.50 किलोमीटर, तिसरी में 91 किलोमीटर, गोवा में 29.80 किलोमीटर, राजधनवार में 88.60 किलोमीटर, बिरनी में 91.72 किलोमीटर, सरिया में 81 किलोमीटर, बगोदर में 82 किलोमीटर, डुमरी में 23 किलोमीटर और गिरिडीह सदर में 54 किलोमीटर सड़क का निर्माण संभव हो सकेगा।

वहीं, गिरिडीह के दुर्गम एवं संवेदनशील क्षेत्रों में 6 सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें निमियाघाट थाना क्षेत्र के चेचरिया नाला पर पुल निर्माण, तिलैया घोर मारा पथ निर्माण, गांवा थाना क्षेत्र के अस्नातरी-बरमसिया पथ निर्माण, खुखरा थाना क्षेत्र का छपरी-चतरो सड़क निर्माण, पीरटांड़ थाना क्षेत्र के पदनाटांड़-चिल्का पथ निर्माण और हर कुंड-बंदिया के बीच पुल के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया। इन योजनाओं की अनुशंसा करते हुए उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया है। इसके अलावा, उपायुक्त ने जैन धरम के तीर्थ स्थल पारसनाथ में भी 6 योजनाओं को स्वीकृति दी है।

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