अब महज कुछ ही घंटों में ओडीशा-प. बंगाल के तट से टकराने वाला है भीषण चक्रवाती तूफान यास, हवा की रहेगी इतनी स्पीड

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF ) कर्मचारियों को तैनात किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर सेना को भी मदद के लिए बुलाया जायेगा

Cyclone Yaas

भारत में तूफान ताउ-ते के बाद अब यास चक्रवात (Cyclone Yaas) आज दोपहर को अपना रौद्र रूप दिखाने वाला है। क्योंकि मंगलवार की शाम को ये भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। यह जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक एम. महापात्र ने दी। आईएमडी ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए ‘रेड कोडेड’ चेतावनी अलर्ट जारी किया है।

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ओड़ीसा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में कल से भारी बारिश और तेज हवायें चल रही हैं। प. बंगाल के हुगली इलाके में मंगलवार शाम को एक टॉरनाडो (Tornado) के कारण 40 घर छतिग्रस्त हो गये तो वहीं बिजली का तार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। ये हालात तब के हैं जब चक्रवाती तूफान यास (Cyclone Yaas)  समुद्र तट से दो सौ किलोमीटर दूर था।  

आईएमडी महानिदेशक के अनुसार‚ ‘उत्तर पश्चिम और बंगाल की खाड़ी में गंभीर चक्रवाती तूफान यास भीषण चक्रवाती तूफान (Tropical Cyclone Yaas)  में तब्दील हो गया है।’ यह उत्तर– उत्तर पश्चिम की तरफ मुड़ सकता है और इसकी तीव्रता और अधिक हो सकती है। यह बुधवार की दोपहर उत्तर ओडिशा – पश्चिम बंगाल में पारादीप और सागर द्वीप के तटों के बीच धर्मा के नजदीक से भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में गुजर सकता है। पारादीप में डोप्लर मौसम रडार से इसकी निगरानी की जा रही है।

यास चक्रवात (Cyclone Yaas) के कारण पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार ने जोखिम वाले इलाकों से लाखों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। पड़ोसी राज्य झारखंड ने भी अलर्ट जारी किया है और चक्रवात के प्रभाव के मद्देनजर तैयारी की जा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनके प्रशासन ने नौ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं‚ ओडिशा सरकार का कहना है कि उसने सुरक्षा को देखते हुए तटीय जिलों से दो लाख से अधिक लोगों को निकाला है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि बंगाल में इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 74 हजार से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा दो लाख से अधिक पुलिसकर्मियों व नागरिक स्वयसेवकों को तैनात किया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF ) कर्मचारियों को तैनात किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर सेना को भी मदद के लिए बुलाया जायेगा। निगरानी के लिए प्रत्येक ब्लॉक में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। साथ ही राज्य सचिवालय में भी नियंत्रण कक्ष बनाया गया हैं।

 

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