टेरर फंडिंग मामले में झारखंड से गिरफ्तार ट्रांसपोटरों को NIA ले सकती है रिमांड पर

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बीते 10 जनवरी को टेरर फंडिंग मामले में ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया और अजय कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था। अब दोनों को NIA रिमांड पर ले सकती है।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बीते 10 जनवरी को टेरर फंडिंग (Terror Funding) मामले में ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया और अजय कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था। अब दोनों को NIA रिमांड पर ले सकती है। बता दें कि इस गिरफ्तारी से इस मामले में कई बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही NIA को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।

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टेरर फंडिंग मामले में झारखंड से गिरफ्तार ट्रांसपोटरों को NIA रिमांड पर ले सकती है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बीते 10 जनवरी को टेरर फंडिंग मामले में ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया और अजय कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था। अब दोनों को एनआईए रिमांड पर ले सकती है। बता दें कि इस गिरफ्तारी से इस मामले में कई बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।गिरफ्तार हुए दोनों ट्रांसपोर्टर से पूछताछ में NIA को कुछ बड़े अधिकारियों के नाम भी मिले हैं, जो उन्हें सहयोग किया करते थे। इस गिरफ्तारी के बाद चतरा, धनबाद, टंडवा व लातेहार जिले में पदस्थापित पुलिसकर्मियों की बेचैनी बढ़ गई है।

जानकारी के अनुसार, टेरर फंडिंग के मामले में NIA के द्वारा गिरफ्तार किए गए कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया और अजय सिंह को कई पुलिस अफसरों का संरक्षण प्राप्त है। इसके एवज में सुदेश केडिया और अजय सिंह के द्वारा पुलिस अफसरों का खास ध्यान रखा जाता था। अजय सिंह और सुदेश केडिया की गिरफ्तारी से कई पुलिस अफसरों की बेचैनी बढ़ गई है। गिरफ्तार केडिया और अजय सिंह से एनआईए पूछताछ करती है, तो उन पुलिसकर्मियों के नाम सामने आने की आशंका है।

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टेरर फंडिंग मामले में 23 अगस्त, 2019 को आधुनिक पावर के जीएम संजय जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू, सीसीएल कर्मी सुभान खान, टीएसपीसी नक्सली बिंदेश्वर गंझू, प्रदीप राम, अजय सिंह भोक्ता, विनोद गंझू, मुनेश गंझू व बीरबल गंझू के विरुद्ध आरोप तय किया गया था। ये सभी जेल में हैं। NIA ने इस मामले में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिनमें पांच फरार थे। NIA ने चतरा के टंडवा थाने में दर्ज प्राथमिकी 22/18 को टेकओवर किया था और टेरर फंडिंग मामले में अनुसंधान शुरू किया था। यह मामला सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय को लेकर लेवी के रूप में भारी राशि की वसूली से संबंधित है।

इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड सीसीएलकर्मी सुभान खान सहित 14 आरोपितों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की थी। NIA ने चार्जशीट में लिखा था कि उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध और आम्रपाली कोयला परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था। ठेका दिलाने में टीएसपीसी उग्रवादी आक्रमणजी ने अनुशंसा की थी और ठेका ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को मिला था। इस राशि का अधिकतर हिस्सा उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को जाता था।

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