खुफिया रिपोर्ट में खुलासा, तेलंगाना के बड़े नक्सली नेताओं ने बस्तर के जंगलों में डाला डेरा

खबर आ रही है कि तेलंगाना के बड़े नक्सली नेताओं (Naxal Leaders) ने बस्तर के जंगलों में डेरा डाल रखा है। तेलंगाना स्टेट कमेटी के हरिभूषण, दामोदर आदि नेता तेलंगाना की सीमा से सटे सुकमा व बीजापुर जिलों के जंगलों में छिपे हुए हैं।

Naxals

सांकेतिक तस्वीर।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना के नक्सली (Naxals) बस्तर में बड़ी वारदात करने की कोशिश में हैं। हालांकि, इन दिनों फोर्स के लगातार मूवमेंट और बढ़ते दबाव से उनकी कोशिश कामयाब नहीं हो पा रही है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सितंबर और अक्टूबर के महीने में नक्सलियों (Naxals) ने एक के बाद एक हत्या कर दहशत फैलाई। इसके बाद 21 नवंबर को सुकमा जिले में मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों ने दो लोगों की हत्या कर दी। हालांकि, सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ पूरी तैयारी में हैं। फोर्स के बढ़ते कदम से बौखलाकर नक्सली ये हत्याएं कर रहे हैं।

बता दें कि बीते दिनों आंतरिक सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार व नक्सल डीजी अशोक जुनेजा ने नक्सल प्रभावित जिलों के पुलिस अफसरों की बैठक लेकर अगले तीन महीने के लिए नक्सल उन्मूलन का प्लान तैयार किया है।

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इस बीच अब खबर आ रही है कि तेलंगाना के बड़े नक्सली नेताओं (Naxal Leaders) ने बस्तर के जंगलों में डेरा डाल रखा है। तेलंगाना स्टेट कमेटी के हरिभूषण, दामोदर आदि नेता तेलंगाना की सीमा से सटे सुकमा व बीजापुर जिलों के जंगलों में छिपे हुए हैं। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना के नक्सली (Naxals) बस्तर में बड़ी वारदात करने की कोशिश में हैं।

हालांकि, इन दिनों फोर्स के लगातार मूवमेंट और बढ़ते दबाव से उनकी कोशिश कामयाब नहीं हो पा रही है। बीजापुर के एसपी कमलोचन कश्यप के मुताबिक, नक्सली इस बात से बेचैन हैं कि फोर्स अब उन इलाकों तक पहुंचने लगी है जिसे अब तक वे अपना सुरक्षति गढ़ मानते थे। तेलंगाना से सटे पामेड़ गांव तक जाने के लिए अब तक सीधा रास्ता नहीं है।

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पामेड़ में थाना व पुलिस कैंप है पर वहां पहुंचने के लिए तारलागुड़ा व चेरला के रास्ते तेलंगाना होकर जाना होता है। चेरला से पामेड़ तक के करीब 10 किमी रास्ते में भी उनकी पैठ रही है जो अब खत्म हो रही है। फोर्स ने पामेड़ के आगे धरमारम तक पहुंच बना ली है। पामेड़ में चिंतावागू नदी नक्सलगढ़ की सीमा बनाती है।

इधर चिंतागुफा और बासागुड़ा की ओर तालपेरू नदी के बीच का इलाका अब तक अछूता रहा है। पामेड़ तक सीधा रास्ता उसूर या बासागुड़ा से होकर जाता है। फोर्स ने पामेड़ में चिंतावागू नदी के तट पर मोर्चा बनाया है। अब नदी पर पुल बनाकर धरमारम और इस इलाके से नक्सल प्रभावित गांवों तक पहुंचने की तैयारी की जा रही है।

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धरमारम से लेकर बासागुड़ा और उसूर तक का इलाका सघन वनों से घिरा है। इसी इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर वन सक्रिय है जिसका नेतृत्व हिड़मा करता है। तेलंगाना के नक्सली इन जंगलों में शरण लेते हैं जबकि अपराध स्थानीय आदिवासी युवाओं से करवाते हैं।

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