तालिबान ने जारी किया फरमान, पुरुषों को दाढ़ी रखना अनिवार्य, महिलाएं अकेले नहीं निकल सकतीं बाहर

तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान के कई महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने वहां अपनी क्रूरता शुरू कर दी है।

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उत्तरी अफगानिस्तान के एक जिले पर कब्जा करने के बाद स्थानीय इमाम को एक पत्र लिखकर तालिबान (Taliban) ने अपना पहला फरमान जारी किया है।

तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान के कई महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने वहां अपनी क्रूरता शुरू कर दी है। उत्तरी अफगानिस्तान के एक जिले पर कब्जा करने के बाद स्थानीय इमाम को एक पत्र लिखकर तालिबान ने अपना पहला फरमान जारी किया है।

कलाफगन जिले के रहने वाले 25 साल के सेफतुल्लाह ने एएफपी को बताया कि फरमान में कहा गया है कि महिलाएं मर्दों के बिना बाजार नहीं जा सकती हैं, और पुरुषों को अपनी दाढ़ी रखनी है। तालिबान ने सिगरेट, बीड़ी पीने पर भी रोक लगा दी है। साथ ही यह चेतावनी दी गई है कि अगर किसी ने नियमों का उल्लंघन किया तो उनके साथ सख्ती से पेश आया जाएगा।

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वहीं, इस सप्ताह सोशल मीडिया पर वायरल तालिबान के कथित बयान में ग्रामीणों को अपनी बेटियों और विधवाओं की शादी विद्रोही लड़ाकों से करने का आदेश दिया गया है। तालिबान के कल्चरल मिशन के नाम से जारी पत्र में कहा गया है कि कब्जे वाले इलाकों के सभी इमाम और मुल्ला तालिबान को 15 साल से ऊपर की लड़कियों और 45 साल से कम उम्र की विधवाओं की सूची तालिबान लड़ाकों से शादी के लिए मुहैया कराएं।

हालांकि, इस बार तालिबान (Taliban) अपनी छवि को बेहतर पेश करने की कोशिश कर रहा है। उसने इन बयानों से किनारा कर लिया है और कहा है कि उसने इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, “ये निराधार दावे हैं. ये फर्जी कागजात का इस्तेमाल करके फैलाई गई अफवाहें हैं।”  

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तालिबान भले ही इन बयानों को गलत बता रहा, लेकिन कब्जे वाले इलाकों में रहने वाले लोग सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट सच्चा बता रहे हैं। ताजिकिस्तान सीमा पर यवन जिले पर तालिबान ने कब्जा करने के बाद एक स्थानीय मस्जिद में निवासियों को इकट्ठा किया। 32 साल के नजीर मोहम्मद ने एएफपी को बताया, “उनके कमांडरों ने हमें बताया कि रात में किसी को भी घर से निकलने की इजाजत नहीं है।”

उन्होंने अफगान ध्वज के रंगों का जिक्र करते हुए कहा, “और कोई भी शख्स-विशेष रूप से युवा- लाल और हरे रंग के कपड़े नहीं पहन सकता है।” इतना ही नहीं, मोहम्मद नजीर ने बताया, “तालिबान के आदेश के मुताबिक हर किसी को पगड़ी पहननी चाहिए और कोई भी आदमी दाढ़ी नहीं बना सकता है। छठी कक्षा से आगे के स्कूलों में जाने वाली लड़कियों को पढ़ने से रोक दिया गया था।”

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ताजिकिस्तान सीमा पर सजदा ने बताया कि उसके लिए तालिबान के शासन के कुछ ही दिन काफी थे। बाद में वह कुंदुज शहर में भाग गई। सजदा ने कहा कि हम तालिबान के शासन में कभी काम नहीं कर पाएंगे। इसलिए हमने अपना घर छोड़ दिया।

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बता दें कि अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के बाद से तालिबान (Taliban) ने यहां कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। देश के कई हिस्सों में तालिबान की हिंसा जारी है। इसमें तालिबान को पाकिस्तानी आतंकियों का भी साथ मिल रहा है।

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