जम्मू कश्मीर: आतंकवाद की फसल तैयार कर रहा है शोपियां का ये धार्मिक स्कूल, खुफिया एजेंसियों ने शुरू की पड़ताल

प्रतिबंधित अल–बद्र आतंकी संगठन (Terrorists Organizations) का तथाकथित कमांडर नेंगरू इस साल अगस्त में मारा गया था और वह भी यहीं का छात्र था।

Additional Magistrate passed order against encounter

Terrorists

जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले के एक धार्मिक स्कूल के 13 छात्रों के आतंकी समूहों (Terrorists Organizations) में शामिल होने का पता चलने के बाद यह स्कूल जांच एजेंसियों की पड़ताल के दायरे में आ गया है। अधिकारियों ने ये जानकारी दी। इसी संस्थान से सज्जाद भट ने पढ़ाई की थी जो फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में आरोपी था।

पाकिस्तान के ‘नापाक’ धरती से भारत पर निशाना साधने की फिराक में चीन, पीओके में दोनों की बड़ी साजिश का खुलासा

अधिकारियों के मुताबिक इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र मुख्य रूप से दक्षिण कश्मीर के कुलगाम‚ पुलवामा और अनंतनाग जिलों से हैं। खुफिया एजेंसियां इन क्षेत्रों को आतंकवाद के लिहाज से संवेदनशील और अनेक आतंकी समूहों (Terrorists Organizations) में स्थानीय लोगों की भर्ती का केंद्र मानती हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, इस स्कूल में उत्तर प्रदेश‚ केरल और तेलंगाना के बच्चे भी पढ़ते रहे हैं‚ लेकिन उनकी संख्या पिछले साल अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद से लगभग नहीं के बराबर हो गई है। एक अधिकारी ने कहा कि स्कूल के अधिकतर छात्र और शिक्षक आतंक प्रभावित शोपियां और पुलवामा जिलों से आते हैं‚ इसलिए वहां आतंकवाद की विचारधारा पनप सकती है। जिसके कारण दूसरी जगहों से आये बच्चों पर भी असर होने की आशंका है।

कई आतंकी (Terrorists) इस स्कूल के ऐल्यूमनी 

सैन्य अधिकारी के अनुसार, ये भी लगता है कि बाहर का माहौल‚ स्थानीय आबादी‚ आतंकवाद से संबंधित गतिविधियां व नियमित मुठभेड़ों में आतंकवादियों (Terrorists) के मारे जाने से भी आतंकवाद की विचारधारा को बल मिलता है। पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे। इस मामले की जांच के दौरान खुफिया एजेंसियों को पता चला कि हमले में इस्तेमाल वाहन के मालिक भट ने शोपियां जिले के इसी धार्मिक शिक्षण संस्थान से स्कूल की पढ़ाई की थी। इसके बाद आतंकवाद में लिप्त रहे छात्रों की फेहरिस्त में ताजा नाम जुबैर नेंगरू का जुड़ा था। प्रतिबंधित अल–बद्र आतंकी संगठन (Terrorists Organizations) का तथाकथित कमांडर नेंगरू इस साल अगस्त में मारा गया था और वह भी यहीं का छात्र था।

एक आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार ऐसे कम से कम 13 सूचीबद्ध आतंकी (Terrorists) और सैकड़ों ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) हैं जो या तो इस संस्थान के छात्र हैं या पहले इसमें पढ़ चुके हैं। हाल ही में बारामूला का एक युवक लापता हो गया था जो छुट्टियां खत्म होने के बाद घर से स्कूल आ रहा था। बाद में पता चला कि वह आतंकी समूह (Terrorists Organizations) का हिस्सा बन गया है।

रिपोर्ट कहती है‚ ‘इन 13 आतंकवादियों (Terrorists) में से ज्यादातर शोपियां और पुलवामा के निवासी हैं।’ इस सूची में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी नजीम नजीर डार और ऐजाज अहमद पॉल के भी नाम हैं। पॉल की चार अगस्त को शोपियां में एक मुठभेड़ में मौत हो गई थी।

अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के संस्थान हिज्बुल मुजाहिदीन‚ जैश–ए–मोहम्मद‚ अल–बद्र और लश्कर–ए–तैयबा जैसे आतंकी संगठनों में भर्ती के केंद्र हैं जहां मारे गये आतंकियों को नायक की तरह बताया जाता है। एक अधिकारी के मुताबिक‚ ‘ये कारक छात्रों के दिमाग में गहरी छाप छोड़ते हैं और समाज व दोस्तों से प्रभावित होकर वे आतंकवाद की तरफ आते हैं। कई मामलों में पता चला है कि इस तरह के धार्मिक संस्थानों की शिक्षा छात्रों को आतंकी समूहों (Terrorists Organizations) में शामिल होने के लिए उकसा रही है।’

रिपोर्ट में बताया गया है कि कई छात्र सुरक्षा बलों पर पथराव‚ आंदोलन और कानून व्यवस्था के हालात बिगाड़ने में संलिप्त पाये गये हैं। इसमें कहा गया‚ ‘ये छात्र आतंकवादियों (Terrorists) के कृत्यों को महिमामंडित करते हुए सरकार के खिलाफ नफरत तथा अलगाववाद की विचारधारा का संदेश प्रसारित कर सकते हैं।’

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें