पाकिस्तान की ‘नापाक’ धरती से भारत पर निशाना साधने की फिराक में चीन, पीओके में दोनों की बड़ी साजिश का खुलासा

पीएलए और पाकिस्तानी (Pakistan China) सैनिकों को पीओके में देओलियन और जुरा जैसे फॉरवर्ड इलाकों पर पाकिस्तान की 12वीं इंफेंट्री ब्रिगेड के साथ संयुक्त रूप से टोह लेते हुए भी देखा गया है।

Pakistan China

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भारत के खिलाफ पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन (Pakistan China) की साजिश की युगलबंदी शुरू हो गई है। खुफिया विभाग ने केंद्र सरकार को इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील सूचना दी है कि पाक जमीन देगा और चीन वहां पर तोप‚ टैंक जैसे सैन्य उपकरणों को लगाएगा जिसका निशाना भारत की ओर होगा।

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पाकिस्तान को पीओके में चीन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के लिए जमीन का निर्माण कर रहा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार‚ एलओसी के पार कई स्थानों पर चीन की मदद से सैन्य बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए बहुत सारी निर्माण गतिविधियां तेजी से चल रही हैं। चीनी सेना (पीएलए) के कुछ अधिकारियों को इन कामों को जल्द पूरा करने के लिए लगा दिया गया है। खुफिया विभाग ने कहा है कि सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लगाने के निर्माण का काम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के लसादाना ढोक के पास पाउली पीर इलाके में पाकिस्तानी सेना और पीएलए (Pakistan China) द्वारा किया जा रहा है।

निर्माण वाली जगह पर करीब तीन सौ पाकिस्तानी सेना के जवानों और पचास पीएलए और कुछ आम लोगों की मौजूदगी है। औसत मिसाइल सिस्टम का कंट्रोल रूम ब्देल बाग में स्थापित किया जाएगा। इसमें पीएलए के लगभग दस अधिकारियों समेत दो दर्जन जवानों की तैनाती होगी।

पीएलए और पाकिस्तानी (Pakistan China) सैनिकों को पीओके में देओलियन और जुरा जैसे फॉरवर्ड इलाकों पर पाकिस्तान की 12वीं इंफेंट्री ब्रिगेड के साथ संयुक्त रूप से टोह लेते हुए भी देखा गया है। पीओके के हतियान बाला जिले के चकोटी और चिनार गांव में भी इसी तरह का निर्माण कार्य हो रहा है। चीन के इंजीनियरों की मदद से जगलोट से गौरी कोट तक सड़क का निर्माण किया गया है‚ जिसे गुलतारी तक बढ़ाया जा सकता है।

इस दौरान‚ जगलोट में पीएलए सैनिकों की भी भारी संख्या है। इससे चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और पाकिस्तान के डिफेंस साइंस ऑफ टेक्नोलॉजी एंड आर्गेनाईजेशन (डेस्टो) के बीच इस बारे में एक करार हुआ था। इस करार के मुताबिक चीन घातक बायोलॉजिकल एजेंट की क्षमता का परीक्षण अपनी सीमा से बाहर करेगा ताकि उस पर शक न जाए। ड्रैगन की मदद से पाकिस्तान डेस्टो अपने जैविक हथियार कार्यक्रम के तहत एंथ्रेक्स पर कई सीक्रेट प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है और खतरनाक माइक्रो ऑर्गनिस्म्स के इस्तेमाल की क्षमता हासिल कर रहा है। पाकिस्तान का डेस्टो बेसिलस एंथ्रैसिस को हैंडल करने में काफी ज्ञान हासिल कर चुका है।

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