शहादत से पहले हवलदार सतीश शर्मा ने पत्नी को किया था फोन, कहा था- दौड़ में फर्स्ट आया तो बन जाऊंगा अधिकारी

Satish Sharma का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को पैतृक गांव में हुआ। इस दौरान पूर्व मंत्री गिर्राज दंडौतिया समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।

Satish Sharma

सतीश (Satish Sharma) के पिता छोटे लाल शर्मा अंबाह अंचल के सुनावली पलना गांव के किसान थे। उनके पांच बेटों में से 2 बेटे सेना में हैं। जिसमें से एक सतीश शर्मा शहीद हो गए।

मुरैना: 16 मीडियम यूनिट के हवलदार सतीश शर्मा (Satish Sharma) गुरुवार को ब्रेन स्टॉक की वजह से शहीद हो गए। वह ट्रेनिंग के लिए असम से रांची पहुंचे थे। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को पैतृक गांव में किया गया। इस दौरान पूर्व मंत्री गिर्राज दंडौतिया समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।

सतीश (Satish Sharma) के पिता छोटे लाल शर्मा अंबाह अंचल के सुनावली पलना गांव के किसान थे। उनके पांच बेटों में से 2 बेटे सेना में हैं। जिसमें से एक सतीश शर्मा शहीद हो गए।

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सतीश असम स्थित 16 मीडियम यूनिट में हवलदार के पद पर तैनात थे। वह रांची प्रमोशन के लिए आए थे। 14 जनवरी को उन्होंने अपनी पत्नी अर्चना को फोन किया था और कहा था कि आज ट्रेनिंग का आखिरी दौर है। अगर मैं रनिंग में फर्स्ट आया तो मुझे जूनियर कमीशंड ऑफिसर पद पर प्रमोशन मिल जाएगा। वह ग्वालियर में मकान खरीदने की प्रक्रिया भी पूरी करना चाहते थे।

सतीश अपने दोनों बेटों दिव्यांशु (15 साल) और ईशांत (12 साल) को ग्वालियर में केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ाना चाहते थे।

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