भारत की सरजमीं पर उतरे राफेल लड़ाकू विमान, अंबाला एयरबेस पर वायुसेना प्रमुख ने किया स्वागत

चीन के साथ जारी तनाव के बीच राफेल विमान (Rafale Fighter Jets) भारत पहुंच चुके हैं। भारत और फ्रांस के बीच हुए सौदे के तहत 5 राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे।

Rafale

राफेल विमान (फाइल फोटो)

चीन के साथ जारी तनाव के बीच राफेल विमान (Rafale Fighter Jets) भारत पहुंच चुके हैं। भारत और फ्रांस के बीच हुए सौदे के तहत 5 राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे। UAE से उड़ान भरने के बाद दोपहर 3.00 बजे के करीब अंबाला के एयरबेस पर विमान लैंड हुए। इनका स्वागत करने के लिए खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (Air Chief Marshal RKS Bhadauria) वहां मौजूद रहे।

भारतीय वायुसेना ने राफेल विमानों के भारत आगमन पर ट्वीट किया। वायुसेना ने लिखा ‘वेलकम होम गोल्डेन ऐरोज’।

वहीं, रक्षा मंत्रालय की ओर से भी ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में राफेल विमानों के सफल लैंडिग के लिए शुभकामनाएं दी गईं।

रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो भी ट्वीट किया जिसमें 5 राफेल विमानों की अगुवाई दो SU30 MKIs विमान कर रहे हैं।

 

27 जुलाई को फ्रांस से हुए थे रवाना: बता दें कि पांच राफेल विमानों (Rafale Fighter Jets) की पहली खेप सोमवार (27 जुलाई) को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु में मेरिग्नैक एयरबेस से रवाना हुई। जिसके बाद एक बार हवा में ही उनकी फ्यूलिंग हुई। जिसके बाद पांचों लड़ाकू विमान UAE के अल दाफरा बेस पर रुके। ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आज दोपहर को अंबाला पहुंचे।

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ऐसी हैं तैयारियां: अंबाला में प्रशासन हाई अलर्ट पर है और लैंडिंग के दौरान छतों पर लोगों का जमावड़ा और फोटोग्राफी पूरी तरह से प्रतिबंधित है। प्रशासन ने धूलकोट, बलदेव नगर, गरनाला और पंजोखरा जैसे स्थानों से वायु सेना स्टेशन की तस्वीरों को लेने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। बेस के आसपास धारा 144 लगा दी गई है, साथ ही आधिकारिक फोटोग्राफी के अलावा किसी तरह की फोटोग्राफी पर रोक है। हालांकि, राजस्थान के जोधपुर में भी तैयारियां की गई थीं, क्योंकि उत्तर भारत में आज तेज बारिश का अलर्ट है। ऐसे में अगर मौसम खराब होता है तो राफेल विमानों (Rafale Fighter Jets) को जोधपुर में उतारा जाता।

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‘गोल्डन एरोज’ में होंगे शामिल: इन विमानों को 29 जुलाई दोपहर में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में स्क्वाड्रन नम्बर 17 में शामिल किया जाएगा, जिसे ‘गोल्डन एरोज’ के नाम से भी जाना जाता है। इसने कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी और भारत की सबसे पुरानी स्क्वाड्रन में से एक है। हालांकि, इन विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में शामिल करने के लिए संभवत: अगस्त के आस-पास समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है।

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36 राफेल विमानों का हुआ था सौदा: राफेल जेट (Rafale Fighter Jets) का पहला स्क्वाड्रन अंबाला एयरबेस पर, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल के हासिमारा बेस पर रहेगा। अंबाला एयरबेस को भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण बेस माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा महज 220 किलोमीटर की दूरी पर है। बता दें कि भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। 36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान जबकि छह प्रशिक्षु विमान हैं।

प्रशिक्षु विमानों पर लिखी होगी ‘आरबी’ श्रृंखला की संख्या: छह राफेल प्रशिक्षु विमानों की पूंछ ‘आरबी’ श्रृंखला की संख्या अंकित होगी। ‘आरबी’ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के नाम के पहले और अंतिम शब्द का संक्षिप्त रूप होगा। उन्होंने इस सौदे में मुख्य वार्ताकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गौरतलब है कि पहला राफेल जेट पिछले साल अक्टूबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को सौंपा गया था।

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