झारखंड: चाईबासा में दो नक्सली चढ़े पुलिस के हत्थे, बाकी भी पुलिस की रडार पर

चाईबासा पुलिस ने दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों गिरफ्तार नक्सली लंबे समय से जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सारंडा इलाके में सक्रिय थे।

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झारखंड के चाईबासा से नक्सली गिरफ्तार

नक्सलियों के खिलाफ पुलिस द्वारा लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में झारखंड में दो नक्सली पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। चाईबासा पुलिस ने दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों गिरफ्तार नक्सली लंबे समय से जिले के नक्सल प्रभावित सारंडा इलाके में सक्रिय थे। गिरफ्तार नक्सलियों के नाम कृष्णा केराई और बेड़ेगा सिरका बताया जा रहा है। इनके पास से पुलिस ने हथियार भी बरामद किए हैं। फिलहाल दोनों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने 7 जुलाई के यह जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक, चाईबासा के पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के दोनों सक्रिय सदस्य नये कैडर की नियुक्ति के सिलसिले में गुवा इलाके में आए हुए हैं।

इस सूचना के आधार पर सीआरपीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से स्टेनगन, दो मैग्जीन और पांच गोलियों के साथ 303 बोर की राइफल, एक मोटरसाइकिल और एक छोटा मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, दोनों नक्सलियों के खिलाफ चाईबासा जिले के अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज हैं। गिरफ्तार किए गए दोनों नक्सली संदीप दा दस्ता के हैं। संदीप की गिरफ्तारी के बाद से दोनों मोछू के साथ काम कर रहे थे। कृष्णा पर सात और बेड़ेगा पर दो मामले दर्ज हैं। पूछताछ में दोनों ने गुवा से रोआम तक सड़क निर्माण कार्य में लगे वाहनों को जलाने, रूपेश चंद्र गोप की हत्या करने, सड़क पर आईईडी लगाने की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।

झारखंड के चाईबासा जिले के नक्सल प्रभावित सारंडा में पिछले कुछ समय से नक्सली गतिविधियां बढ़ गयी हैं। सूत्रों के अनुसार, नक्सली नेता अनमोल दा उर्फ समर जी इस इलाके में अपने दस्ते के साथ ठहरा है। अनमोल दा उर्फ समर जी ओड़िशा के संबलपुर, देवगढ़ और सुंदरगढ़ डिवीजन का प्रभारी है। साथ ही बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य भी है। उसके दस्ते में लगभग 20 सदस्य हैं। इसमें रेखा और दर्शन हांसदा जैसे कुख्यात नक्सली शामिल हैं। यह दस्ता छोटानागरा थाना क्षेत्र के कोलायबुरु, कुदलीबाद, उसरूईया, हतनाबुरु, बालिबा, कुमडीह गांव के जंगलों में स्थान बदल-बदल कर शरण ले रहा है। ऐसी सूचना के बाद पुलिस की सक्रियता बढ़ गई है और नक्सलियों की धर-पकड़ तेज कर दी गई है।

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इससे पहले राज्य के लोहरदगा जिले से पुलिस ने नक्सलियों के लिए काम करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इसकी पुष्टि एसपी प्रियदर्शी आलोक ने की। ये तीनों शहर में रहकर कुरियर बॉय का काम करते थे और साथ ही भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के जोनल कमांडर रविंद्र गंझू के लिए लेवी उगाही का काम करते थे। इनके पास से पुलिस ने एसएलआर और इंसास की गोली और नक्सली साहित्य बरामद किया है। पुलिस के अनुसार, गुप्त सूचना मिली कि सदर थाना क्षेत्र के जुरिया गांव का रहने वाला शकील अंसारी, जंगली-पहाड़ी सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के गुनी गांव का अशोक भगत और चपाल गांव का रहने वाला प्रताप भगत लोहरदगा के शहरी क्षेत्र में रह कर माओवादी जोनल कमांडर रविंद्र गंझू के लिए लेवी वसूली के साथ-साथ पुलिस की गतिविधियों की जानकारी नक्सलियों को देते हैं।

इस जानकारी के आधार पर टीम गठित कर मामले की जांच के लिए कार्रवाई शुरू की गई। जांच में इस सूचना की पुष्टि हुई और इसके बाद एक-एक कर तीनों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, सभी ने पूछताछ में माओवादी जोनल कमांडर रविंद्र गंझू के लिए लेवी वसूलने और नक्सलियों के लिए साथ काम करने की बात स्वीकार की। पूछताछ में यह भी पता चला कि जुरिया गांव का रहने वाला शकील अंसारी आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट से सजा काटने के बाद नक्सली गतिविधियों में हुआ शामिल था।

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