पुलिस की इस पहल को सलाम, नक्सल प्रभावित इलाके के बच्चों के लिए कर रहे हैं ये काम

इन क्षेत्रों मे तैनात पुलिस बलों को किन कठिन परिस्थितियों में रहना पड़ता है, कहने की जरूरत नहीं है। आए दिन हमारे जवान इन इलाकों में नक्सलियों की हिंसा का शिकार होते हैं। लेकिन इन सब मुश्किलों से जूझते हुए भी वे अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम देते हैं।

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नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस ने ली गरीब बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी

पुलिस का काम है सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखना। लेकिन नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस सिर्फ सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे के लिए ही काम नहीं करती। बल्कि क्षेत्र की अन्य समस्याओं के समाधान में भी हर संभव योगदान देती है। इन क्षेत्रों मे तैनात पुलिस बलों को किन कठिन परिस्थितियों में रहना पड़ता है, कहने की जरूरत नहीं है। आए दिन हमारे जवान इन इलाकों में नक्सलियों की हिंसा का शिकार होते हैं। लेकिन इन सब मुश्किलों से जूझते हुए भी वे अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम देते हैं। स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए वे हमेशा नई पहल करते रहते हैं। ऐसी ही एक प्रसंशनीय पहल की है बड़गांव पुलिस ने।

छत्तीसगढ़ का बड़गांव धुर नक्सल प्रभावित और आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्र है। दूर-दराज के गांवों में रहने वाले स्कूली बच्चे अक्सर आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। कुछ प्राथमिक शिक्षा तो मिलती है, पर आगे की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं होने के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। बड़गांव पुलिस थाना में तैनात जवानों ने ऐसे गरीब बच्चों को पढ़ाई का जिम्मा उठाया है। ऐसे गरीब बच्चों को पढ़ाई से वंचित न होना पड़े, इसके लिए पुलिस ने एक सराहनीय कदम उठाया है।

बड़गांव थाना प्रभारी विपिन कुजूर के मुताबिक, अपराध पर अंकुश लगाने के साथ सामाजिक सरोकार की भी हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए हमने तय किया है कि गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं होने देंगे। बड़गांव पुलिस ने क्षेत्र के गरीब बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाने का फैसला लिया है। क्षेत्र के कई ऐसे गांव है, जहां के बच्चे प्रतिभावान है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते। ऐसे बच्चों की पढ़ाई में अब कोई बाधा नहीं होगी। शिक्षकों के माध्यम से जानकारी लेकर बच्चों को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि बच्चे पढ़ाई कर सकें और आगे बढ़ सकें।

इसी क्रम में 6 जुलाई को पुलिस के अधिकारी बड़गांव हायर सेकंडरी स्कूल पहुंचे और पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को यातायात के नियमों का पालन करने, स्कूलों में रैगिंग जैसी बुराई को दूर करने, नशे से दूर रहने एवं बच्चियों को स्कूल आते-जाते सावधानियों को लेकर जागरूक किया। सब इंस्पेक्टर प्रदीप सिदार ने कहा कि यातायात के नियमों की जानकारी बच्चों को होना बहुत जरूरी है। सड़क पर हमेशा सावधानी से चलने, दोपहिया वाहन पर तीन सवारी नहीं बैठाने, हेलमेट का उपयोग करने के बारे में भी बताया।

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