बिहार: 10 साल की उम्र से संगठन में शामिल हो हासिल की थी ट्रेनिंग, धरा गया कुख्यात नक्सली वीरू कोड़ा

वीरू कोड़ा ने महज 10 साल की उम्र में नक्सली संगठन का दामन थाम लिया था। 22 साल की उम्र में उसने संगठन में अपनी गहरी पैठ बना ली थी। बिहार के मुंगेर में कुछ दिनों पहले पुलिस और एसटीएफ ने एक संयुक्त अभियान चलाया और हार्डकोर नक्सली वीरू कोड़ा को धर दबोचा।

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पुलिस की गिरफ्तार में खूंखार नक्सली वीरू कोड़ा।

वीरू कोड़ा ने महज 10 साल की उम्र में नक्सली संगठन का दामन थाम लिया था। 22 साल की उम्र में उसने संगठन में अपनी गहरी पैठ बना ली थी। बिहार के मुंगेर में कुछ दिनों पहले पुलिस और एसटीएफ ने एक संयुक्त अभियान चलाया और हार्डकोर नक्सली वीरू कोड़ा को धर दबोचा। जानकारी के मुताबिक 24 से ज्यादा नक्सली वारदातों में शामिल रहा है। वीरू की गिरफ्तारी को पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मान रही है।

वीरू कोड़ा के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक वो लखीसराय जिले के पीरी बाजार थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित लाठिया कोरासी भैरव टोला का रहने वाला है। हार्डकोर नक्सली बनने से पहले उसने संगठन में हथियार चलाने की जमकर ट्रेनिंग ली थी। शायद यही वजह थी कि नक्सलियों के हर छोटे-बड़े ऑपरेशन में वह आगे बढ़कर हिस्सा लेता था।

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पुलिस की पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि वीरू कोड़ा का मामा सोरेन दा भी नक्सली संगठन में है। सोरेन को चिकित्सीय इलाज के बारे में भी जानकारी है। कई बार इस शख्स ने घायल नक्सलियों का इलाज किया और उन्हें नई जिंदगी दी। उसे चिकित्सीय इलाज के बारे में जो जानकारी है उसका इस्तेमाल वो नक्सलियों को नई जिंदगी देने में करता है। इतना ही नहीं, वीरू कोड़ा का मामा बड़े-बड़े अस्पतालों में सेटिंग कर नक्सलियों का वहां इलाज भी कराता है।

यह भी खुलासा हुआ है कि वीरू कोड़ा का मामा अभी भी संगठन के नक्सलियों के लिए काम कर रहा है। सोरेन दा ने नक्सली संगठनों से काफी पैसे भी कमाए हैं। अपने मामा की बेशुमार दौलत को देखने के बाद पैसे कमाने की खातिर ही वीरू भी नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। अब पुलिस पकड़े गए नक्सली से संगठन के अंदर की अहम जानकारियां हासिल करने में जुटी है।

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