राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद हट गया Article 370, अब कानूनी तौर किया जा सकेगा लागू

Artcile 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को दोनों सदनों में पास होने के बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया था। यानी अब इसे कानूनी तौर पर लागू किया जा सकता है।

Article 370, President Ram Nath Kovind, Jammu kashmir Article 370, President Ram Approved Article 370,अनुच्छेद 370 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, अनुच्छेद 370 कानूनी, जम्मू कश्मीर अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 370 विधेयक

Article 370 हटाने को राष्ट्रपति की मंजूरी।

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हो गया है। Artcile 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने वाले विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। Artcile 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को दोनों सदनों में पास होने के बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया था। यानी अब इसे कानूनी तौर पर लागू किया जा सकता है।

इसे पहले संसद के दोनों सदनों ने भी इस विधेयक पर अपनी मुहर लगाई। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण दूसरा संशोधन विधेयक 2019 को वापस लेने की अनुमति मांगी। सदन ने इसकी अनुमति दी। शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प को मंजूरी मिलने के बाद इस विधेयक की जरूरत नहीं होगी।

कश्मीर में नई पहल को हमारा समर्थन

गौरतलब है कि राज्ससभा ने इस संकल्प को सोमवार को पारित किया था। मंगलवार को लोकसभा ने भी इसे मंजूरी दी। लोकसभा ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प को 72 के मुकाबले 351 मतों से स्वीकृति दी। एक सदस्य ने मत विभाजन में हिस्सा नहीं लिया। वहीं, निचले सदन ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 को 70 के मुकाबले 370 मतों से स्वीकृति दी।

निचले सदन में गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश संकल्प में कहा गया है, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि जिस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा इस घोषणा पर हस्ताक्षर किये जायेंगे और इसे सरकारी गजट में प्रकाशित किया जायेगा, उस दिन से उक्त अनुच्छेद के सभी खंड लागू नहीं रहेंगे.. सिवाय खंड 1 के।” इसमें कहा गया है कि 19 दिसंबर, 2018 को राष्ट्रपति की अधिघोषणा के बाद जम्मू कश्मीर राज्य विधायिका की शक्ति इस सदन को है।

लोकसभा में भी पास हुआ बिल, अब बदल जाएगा देश का भूगोल

चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को भारत तथा जम्मू कश्मीर को जोड़ने में रुकावट करार दिया और कहा इस अनुच्छेद की अधिकतर धाराओं को समाप्त करके सरकार ”ऐतिहासिक भूल” को सुधारने जा रही है। गृह मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि स्थिति सामान्य होते ही जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने में इस सरकार को कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद भारत के संविधान के प्रावधान पूरे जम्मू कश्मीर पर लागू होंगे । इस तरह 35ए भी निष्प्रभावी हो गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370 (1-बी) का उपयोग करते हुए कल एक संवैधानिक आदेश जारी किया है। जिसमें भारत के संविधान के सारे अनुबंध जम्मू कश्मीर के संविधान में लागू होंगे।

जिस स्कूल में नक्सली लगाते थे पंचायत, अब बच्चे पाठशाला में हासिल करते हैं शिक्षा

बता दें कि 5 अगस्त को राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दी थी। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के भाग 2 एवं 3 में कहा गया है कि इसके तहत एक नए केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख का सृजन होगा। प्रस्तावित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख बिना विधायिका के होगा। इसके तहत एक अन्य केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर सृजित होगा, जिसमें विधायिका होगी। लद्दाख में कारगिल और लेह जिले शामिल होंगे। वहीं, प्रस्तावित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में धारा 3 के तहत आने वाले क्षेत्र को छोड़कर (यानी प्रस्तावित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को छोड़कर) मौजूदा जम्मू कश्मीर राज्य के क्षेत्र शामिल होंगे। प्रस्तावित जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश को लोकसभा की पांच सीटें और लद्दाख क्षेत्र को एक सीट आवंटित की जाएंगी।

सुषमा स्वराज का निधन, दिल्ली के एम्स में ली अंतिम सांस

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें