झारखंड: पलामू में टीपीसी के दो नक्सली पुलिस के हत्थे चढ़े, बड़ी वारदात की रच रहे थे साजिश

दोनों उग्रवादी किसी नक्सली घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। एसडीपीओ के अनुसार, गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों के पास से देशी पिस्टल, टीपीसी का प्रतिबंधित पर्चा और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।

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झारखंड के नक्सल प्रभावित पलामू जिला से पुलिस ने तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया।

झारखंड के नक्सल प्रभावित पलामू जिला से पुलिस ने तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नक्सलियों के पास से देसी पिस्तौल और नक्सली पर्चे बरामद हुए हैं। पुलिस ने हैदरनगर के मोहम्मदगंज थाना क्षेत्र स्थित काशी सोत डैम के पास से 2 सितंबर को इन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया। हुसैनाबाद के एसडीपीओ विजय कुमार को मुताबिक, गुप्त सूचना मिली थी कि टीपीसी के उग्रवादी काशी सोत बांध के समीप देखे गये हैं। तत्काल पुलिस की एक टीम गठित कर कार्रवाई की गयी। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दिलीप चौधरी और परवेज अंसारी को धर दबोचा।

दोनों उग्रवादी किसी नक्सली घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। एसडीपीओ के अनुसार, गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों के पास से देशी पिस्टल, टीपीसी का प्रतिबंधित पर्चा और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक ये दोनों उग्रवादी पहले भी अपहरण, लूट आदि के कई मामलों में जेल जा चुके हैं। जेल से छूटने के बाद उन्होंने फिर टीपीसी संगठन के लिए काम करना शुरू कर दिया था। हैदरनगर और मोहम्मदगंज थाना की पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर यह सफलता हासिल की। गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें केंद्रीय कारा मेदिनीनगर भेज दिया गया।

इससे पहले, कुख्यात उग्रवादी सदानंद सिंह मुंडा उर्फ सदाय सिंह मुंडा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। रांची समेत झारखंड के कई जिलों के थानों में इस उग्रवादी पर केस दर्ज थे। यह उग्रवादी एक बार फिर रांची में किसा बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में था। लेकिन इससे पहले की वो अपने मकसद में कामयाब हो पाता वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उग्रवादी सदानंद सिंह मुंडा उर्फ सदाय सिंह मुंडा की गिरफ्तारी को रांची पुलिस एक बड़ी कामयाबी मान रही है।

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पुलिस को अब यह उम्मीद है कि सदानंद सिंह को पकड़ने के बाद उसे नक्सलियों से जुड़े कई राज पता चल सकेंगे। लेकिन पीएलएफआई के इस दुर्दांत को पकड़ना पुलिस के लिए इतना आसान नहीं था। सदानंद सिंह संगठन का विशेष कमांडर था और रांची तथा आसपास के इलाकों में इसने अपनी करतूतों से पुलिस की नींद उड़ा रखी थी। लेकिन पुलिस को गुप्ता सूचना मिली की सदानंद सिंह तुपुदाना थाना क्षेत्र में कहीं मौजूद है। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया और आखिरकार उसे पकड़ने में कामयाबी मिली।

कई मामलों में वांछित सदानंद सिंह कई महीनों से पुलिस की आंखों में धूल झोंक फरार चल रहा था। लेकिन एसएसबी के जवानों एवं स्थानीय पुलिस ने टीम गठित कर तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हुल होंडो गांव से गिरफ्तार कर लिया। यह भी पता चला कि वो यहां कोई बड़ा अपराध करने की फिराक में घूम रहा था। गिरफ्तार पीएलएफआई उग्रवादी सदानंद सिंह मुंडा उर्फ सदाय सिंह मुंडा कोकाडीह चौकाहातू थाना क्षेत्र के सोनाहातू का रहने वाला है। यह उग्रवादी संगठन का अहम सदस्य माना जाता था। दूसरों को नक्सली बनाने और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने में माहिर सदानंद सिंह पुलिस के लिए कई दिनों से सिरदर्द बना हुआ था।

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