
अनुच्छेद 370 के खत्म किए जाने के बाद पहली जुमा की नमाज अदा की गई। श्रीनगर में नमाज अदा करने के लिए भारी संख्या में लोग मस्जिदों में पहुंचे।
जम्मू-कश्मीर में सिक्योरिटी लॉकडाउन के पांच दिन बाद राज्य में फोन और इंटरनेट सेवा को 9 अगस्त की सुबह आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया। जुमे की नमाज के लिए आवाजाही पर लगाई गई पाबंदियों में भी ढील दी गई है। साथ ही, किसी भी संभावित विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पूरी घाटी में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसी भी कश्मीरी को परेशान नहीं किया जाए। इसके बाद यह कदम उठाया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां की स्थिति पर नजर रखने के लिए काफी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। लेकिन इस बीच आम लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने की छूट दी जा रही है। अनुच्छेद 370 के खत्म किए जाने के बाद पहली जुमा की नमाज अदा की गई। श्रीनगर में नमाज अदा करने के लिए भारी संख्या में लोग मस्जिदों में पहुंचे। गौरतलब है कि 12 अगस्त को ईद का त्योहार भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि वह इस बात का ध्यान रखेंगे कि कश्मीरियों को ईद का त्योहार मनाने में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
घाटी में अभी भी धारा 144 लागू है। फिर भी श्रीनगर में अब हालात सामान्य होने लगे हैं, जिसका असर सड़कों पर दिख रहा है। शुक्रवार को श्रीनगर के अलावा घाटी के अन्य शहरों में भी नमाज के लिए लोग मस्जिदों में पहुंचे। साथ ही जम्मू क्षेत्र में स्कूल खोल दिए गए हैं। शुक्रवार को धारा 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू में स्कूल खुले। जम्मू में कर्फ्यू में कुछ छूट भी दी गई है। बाजारों को सुबह 11 से शाम 5 बजे तक खुला रखा गया है।
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