Article 35A

नवाज के प्रवक्ता के मुताबिक, पाकिस्तान कश्मीर को हमेशा विवादित क्षेत्र मानता आया है लेकिन कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) के बयान से ऐसा लग रहा है कि उन्होंने पाकिस्तान के रुख से यू-टर्न मार लिया है।

पाकिस्तान आतंकवादी संगठन 'मुजाहिद बटालियन' का इस्तेमाल लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए कर सकता है।

कश्मीर के हालात से अफगानिस्तान की तुलना करने पर तालिबान ने भी पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है। दुनिया के देशों से अफगानिस्तान को 'प्रतिस्पर्धा का मैदान' ना बनाने की अपील करते हुए तालिबान प्रवक्ता जाबिहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि कुछ पक्ष कश्मीर के मुद्दे को अफगानिस्तान से जोड़ रहे हैं।

केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां की स्थिति पर नजर रखने के लिए काफी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। लेकिन इस बीच आम लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने की छूट दी जा रही है।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान से अत्यधिक संयम बरतने को कहा और शिमला समझौते का जिक्र किया जो इस मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नकारता है।

अनुच्छेद 370 (Article 370) खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान ने न सिर्फ भारत के साथ राजनयिक संबंध खत्म कर दिए, बल्कि दोनों देशों के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस को भी रोक दिया है।

एनएसए अजीत डोभाल का शोपियां में स्थानीय लोगों के साथ एक वीडियो था, जिसमें वो लोगों से बातचीत करते हुए देखे गए थे। इस वीडियो पर हमला बोलते हुए गुलाम नबी आज़ाद ने कहा था कि पैसे देकर आप किसी को भी साथ ले सकते हो।

अजीत डोभाल ने पुलिस के एक-एक जवान और अधिकारियों से गर्मजोशी से हाथ मिलाया और उनका हालचाल जाना। इस मौके पर डीजीपी दिलबाग सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने शोपियां में आम लोगों के साथ भोजन भी किया।

जम्मू-कश्मीर पर केन्द्र सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तानी सियासत में भी हलचल मच गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 7 अगस्त को राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल की बैठक ली। इस बैठक में पाकिस्तान की तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे।

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस बारे में आई याचिका में अनुच्छेद 370 को हटाने के राष्ट्रपति के आदेश की अधिसूचना को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया गया है।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के मद्देनजर कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही इस बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस अब केन्द्र सरकार के अंडर काम करेगी।

यूएस विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने एक बयान में कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रमों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। हम इस बात का संज्ञान लेते हैं कि जम्मू-कश्मीर का संवैधानिक दर्जा बदलने के फैसले को भारत ने सख्त तौर पर अपना आंतरिक मामला करार दिया है।

अब देश में राज्यों की संख्या घट गई है, वहीं केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या बढ़ गई है। अब भारत में राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 हो गई है और केंद्रशासित राज्यों की संख्या सात से बढ़कर नौ हो गई है।

शाह ने कहा कि इतने वर्षों तक देश में जम्मू-कश्मीर के अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला। अब वक्‍त आ गया है कि बिना देर किए अनुच्‍छेद-370 को हटाया जाए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जब संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया तो विपक्षी नेता हंगामा करने लगे।

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