
पाकिस्तान कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की तैयारी कर रहा है।
कश्मीर मसले को लेकर पाकिस्तान का विधवा विलाप जारी है। पाकिस्तान इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र में गुहार लगाने जा रहा है। इधर, भारत ने वहां भी पाकिस्तान को पटखनी देने की तैयारी शुरू कर दी है।
भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्यों के साथ बातचीत कर रहा है। उन्हें भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के कारणों और इसका कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर होने की जानकारी दी जा रही है। साथ ही कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के बारे में भी उन्हें बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि भारत के जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के मामले को पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में उठाएगा। उन्होंने बताया कि यह फैसला कश्मीर विवाद पर पहले से मौजूद संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के मद्देनजर लिया गया है। भारत ने पाकिस्तानी सेना के हाल के एक बयान का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान ने कभी आर्टिकल 370 और 35A को मान्यता नहीं दी। अब यहां दो मसले हैं, पहला तो ये कि भारत के अंदरुनी मामले में पाकिस्तान की मान्यता का क्या मतलब है और दूसरा ये कि जब पाकिस्तान खुद कह रहा है कि उसने इन आर्टिकल्स को मान्यता नहीं दी, तो उसे लेकर इतनी बेचैनी क्यों है।
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इस सप्ताह के शुरू में ही भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, रूस, दिल्ली, फ्रांस और ब्रिटेन के राजदूतों और दिल्ली में मौजूद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 10 गैर-स्थायी सदस्यों को आर्टिकल 370 और 35A को हटाने के फैसले की जानकारी दी थी। इन देशों के राजदूतों को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने आर्टिकल 370 और 35A को हटाने की जरूरत और इस कदम के पीछे सरकार के तर्क की जानकारी दी थी। अधिकारियों ने बताया था कि इस कदम से कश्मीर में स्थिति बेहतर होगी और राज्य के आर्थिक विकास में काफी मदद मिलेगी।
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