जम्मू-कश्मीर: घाटी में आतंकवाद पर बड़ी चोट, सक्रिय आतंकियों की संख्या घटी, बेहतर हुए हालात

जम्मू कश्मीर में आतंकियों (terrorists) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसका असर ये हुआ है कि यहां बड़ी संख्या में आतंकी सरेंडर कर रहे हैं।

Indian Army

सांकेतिक फोटो।

पाकिस्तान की ओर से आने वाले घुसपैठी आतंकियों (Terrorists)  की संख्या में भारी कमी आई है। सुरक्षाबलों ने बीते महीनों में 4 सुरंगों का पता लगाया और उन्हें बंद कर दिया।

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में आतंकियों (Terrorists) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसका असर ये हुआ है कि यहां बड़ी संख्या में आतंकी सरेंडर कर रहे हैं और आतंकवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आंकड़ों को देखने पर ऐसा ही लग रहा है।

घाटी में सक्रिय आतंकियों (Terrorists) की संख्या बहुत कम हो गई है और जो बचे हैं, वे नए और लोकल आतंकी हैं। इसके अलावा पत्थरबाजी की घटनाओं में भी काफी कमी आई है।

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस समय घाटी में केवल 45 आतंकी ही सक्रिय हैं। पुराने आतंकी या तो मारे जा चुके हैं या सरेंडर कर चुके हैं।

आतंकवाद में कमी आने की मुख्य वजह ये है कि सुरक्षाबल सीमा पर मुस्तैद हैं और आतंकियों की घुसपैठ रोक दी गई है। इस वजह से पाकिस्तान की ओर से आने वाले घुसपैठी आतंकियों की संख्या में भारी कमी आई है। सुरक्षाबलों ने बीते महीनों में 4 सुरंगों का पता लगाया और उन्हें बंद कर दिया।

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अधिकारियों के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान परिजनों की अपील के बाद बड़ी संख्या में आतंकी सरेंडर कर रहे हैं। 2020 में ऐसे 22 आतंकियों ने मुठभेड़ के दौरान ही सरेंडर किया।

आंकड़े कहते हैं कि 2020 में केवल 143 आतंकी घटनाएं हुईं, जबकि 2019 में कुल 555 आतंकी घटनाएं हुई थीं। 2019 में 2 हजार से ज्यादा पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थीं, जबकि 2020 में पत्थरबाजी की करीब 300 घटनाएं ही हुईं। 2019 की अपेक्षा 2020 में हालात बेहतर हुए हैं और आतंकवाद पर नकेल कसी गई है।

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