संभल जाओ पाकिस्तान! ये बदला हुआ भारत है, बिना बदला लिए मानेगा नहीं

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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भारतीय सेना की कार्रवाई की जो तस्वीरें आई हैं, उनसे साफ है कि तबाही उससे ज्यादा है, जितनी कल्पना की गई थी। पाकिस्तान (Pakistan) की तिलमिलाहट यूं ही नहीं है। भले वह एक सैनिक के मरने और एक नागरिक के घायल होने की बात कर रहा है, लेकिन उस पार से आ रही खबरों में स्थानीय लोग कह रहे हैं कि ऐसा लग रहा था, मानो भारत सब कुछ तबाह कर देगा।

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वास्तव में पाकिस्तान (Pakistan) का चरित्र सच को नकारने का है। वह तो नौ भारतीय सैनिकों को मार डालने तक का दावा कर रहा है। इससे बड़ा सफेद झूठ कुछ नहीं हो सकता है। सच यही है कि भारतीय सेना ने तंगधार सेक्टर में सीमा पार से गोलीबारी करते हुए आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिशों को भांपकर बड़ी कार्रवाई की है। पाकिस्तानी गोलाबारी में दो सैनिकों के शहीद हो जाने और एक नागरिक के मारे जाने के बाद आक्रोशित सेना ने तोप का मुंह उस ओर कर दिया और इस तरह गोले बरसाए कि पाकिस्तान (Pakistan) को संभलने का भी मौका नहीं मिला। कम से कम तीन आतंकवादी शिविर, चार लॉन्चिंग पैड नष्ट हुए और कुछ सैन्य ठिकानों को नुकसान हुआ है।

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थल सेना प्रमुख बिपिन रावत यदि कह रहे हैं कि 6 से 10 सैनिक मारे गए हैं, तो इसे खारिज नहीं किया जा सकता। उन्हें डींग मारना होता तो संख्या ज्यादा बताते। आतंकवादियों के मारे जाने की संख्या दो दर्जन से लेकर 35 तक यदि है, तो यह उनके लिए बहुत बड़ी क्षति है। एक सप्ताह पूर्व भी सेना ने कार्रवाई की थी। तो पाकिस्तान (Pakistan) के लिए संकेत साफ है। आप यदि आतंकवाद को प्रायोजित करने की कोशिश करेंगे तो उसको विफल करने के लिए भारत इस तरह की कार्रवाई आगे भी करेगा। बदला हुआ भारत अब आतंकवादियों के घुसपैठ करने के बाद अपने अंदर सैन्य और सुरक्षा प्रबंधन तक सीमित नहीं है। आतंकवादी घुसपैठ करें, उसके पहले ही कार्रवाई कर उनका काम तमाम करने के लिए भारत हमला करेगा।

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पाकिस्तान (Pakistan) 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, उसके बाद इस वर्ष की हवाई बमबारी और वर्तमान कार्रवाई के बावजूद बदले हुए चरित्र वाले दृढ़ निश्चयी भारत को समझ नहीं पा रहा है, तो समस्या उसकी है। उसके पास एक ही विकल्प है, वह जम्मू-कश्मीर में अशांति और हिंसा फैलाने का इरादा त्याग दे। अगर वह ऐसा नहीं करता और आतंकवाद को नीति के तहत प्रयोजित करना जारी रखेगा तो उसे इतनी क्षति उठानी पड़ेगी, जिसकी भरपाई उसके लिए कतई संभव नहीं होगी।

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