
परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखने वाले आकाश मिसाइल सिस्टम (Air Defense System Akash) को भारतीय रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) ने डिजाइन किया है।
LAC पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाश (Air Defense System Akash) और रूस निर्मित इगला मिसाइल (Igla missiles) का परीक्षण किया। इस बारे में बाबत वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि मिसाइल लांच करने की यह एक्सरसाइज 23 नवंबर से दो दिसंबर तक चल रहे नियमित अभ्यास (Regular practice) का हिस्सा थी।
स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाश (Air Defense System Akash) और रूस निर्मित इगला मिसाइल का यह परीक्षण आंध्र प्रदेश में सूर्यलंका एयरफोर्स स्टेशन (Suryalanka Air Force Station) पर 1 दिसंबर को किया गया था। यह परीक्षण रेगुलर प्रैक्टिस के तहत हुआ। इस बात की जानकारी वायुसेना अधिकारियों ने दी है।
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इस परीक्षण का मकसद वायुसेना कर्मियों को असली युद्ध जैसी परिस्थितियों जैसा अभ्यास कराना है। एक अधिकारी के मुताबिक, जहां देश लगातार कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic) की चुनौती का सामना कर रहा तो इंडियन एयर फोर्स मौजूदा सुरक्षा हालात पर नजर बनाए हुए है। साथ ही लगातार अपनी परिचालन क्षमता परख रहा है।
Air Marshal HS Arora, VCAS witnessed Missile Firing at IAF Station #Suryalanka on 01 Dec. Indigenous Akash and Russian Igla missiles were fired. He commended all personnel for professionalism and urged them to be ready to apply lessons learnt to any emerging operational scenario. pic.twitter.com/ztTgCf6Wrz
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 2, 2020
वहीं, इस दौरान वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा भी (Air Marshal HS Arora, VCAS) भी मौजूद रहे। एयर मार्शल एचएस अरोड़ा ने वायुसेना के सैनिकों को संबोधित करते हुए अभ्यास में हिस्सा ले रही युद्धक स्क्वाड्रनों के पेशेवर रुख की प्रशंसा की।इसके साथ ही एचएस अरोड़ा ने जवानों से कहा कि अभ्यास में सीखी बातों को किसी भी हालात में इस्तेमाल करने के लिए तैयार रहें।
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बता दें कि बीते मई महीने से ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ गतिरोध जारी है। इस बीच दुश्मनों के किसी भी चाल का जवाब देने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम आकाश तैनात किया गया है। साथ ही इगला मिसाइल सिस्टम भी वहां पर तैनात किया गया है।
परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता रखने वाले आकाश मिसाइल सिस्टम (Air Defense System Akash) को भारतीय रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) ने डिजाइन किया है। इसकी हर एक मिसाइल 30 किलोमीटर के दायरे में 19 किलोमीटर की ऊंचाई तक लक्ष्य को भेद सकती है।
करीब 4 हजार किमी/घंटा की सुपरसोनिक गति वाली आकाश मिसाइल का वजन 720 किलोग्राम और लंबाई 5.8 मीटर है। यह 60 किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकती है। इसे स्वदेश निर्मित राजेंद्र रडार से लैस किया गया है।
एक मिसाइल डिफेंस सिस्टम में चार लांचर, एक राजेंद्र रडार होते हैं और हर लांचर पर तीन आकाश मिसाइल तैनात की जाती हैं। एक लांचर एक समय में 16 लक्ष्य को ट्रैक कर सकता है यानी 64 लक्ष्यों पर हर समय नजर रहती है और राजेंद्र रडार के एक इशारे पर एक साथ 12 आकाश मिसाइल अलग-अलग लक्ष्य भेदने निकल जाती हैं।
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गौरतलब है कि भारत ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे गतिरोध के बीच दुश्मन के जंगी जहाजों व हेलिकॉप्टरों को दूर रखने के लिए आकाश सिस्टम तैनात किया है। साथ ही इगला मिसाइल (Igla missiles) सिस्टम भी वहां तैनात किया गया है।
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