हथियार निर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश, सरकार ने 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को 7 कंपनियों में तब्दील किया

सात कंपनियां बनाई जाएंगी‚ उनमें एक गोला–बारूद और विस्फोटक समूह की होगी। इस प्रकार के उत्पादन में लगी सभी ऑर्डिनेंस फैक्टरियों (Ordnance Factories) को इसमें मर्ज किया जाएगा।

Ordnance Factories

केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए 246 साल पुराने आर्डिनेंस बोर्ड (Ordnance Factory Board) को समाप्त करने का फैसला किया है। इसके 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों (Ordnance Factories) को सात कॉरपोरेट कंपनियों में तब्दील करने का फैसला किया है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में कार्यरत करीब 70 हजार कर्मचारियों को सात नई कॉरपोरेट कंपनियों में समायोजित किया गया जाएगा। शुरुआत में उन्हें दो साल की प्रतिनियुक्ति पर नई कंपनियों में भेजा जाएगा। सरकार ने साफ किया कि कर्मचारियों की पेंशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बने एक अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की सिफारिशों को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की।

सूत्रों के अनुसार जिन सात कॉरपोरेट कंपनियों का गठन किया जाएगा‚ वह पूरी तरह से सरकारी होंगी और ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों (Ordnance Factories) के मौजूदा कर्मचारियों के हितों का कोई नुकसान नहीं होगा। ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का नई कंपनियों में समायोजन उनके कार्य के हिसाब से किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार जो सात कंपनियां बनाई जाएंगी‚ उनमें एक गोला–बारूद और विस्फोटक समूह की होगी। इस प्रकार के उत्पादन में लगी सभी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों (Ordnance Factories) को इसमें मर्ज किया जाएगा। दूसरी कंपनी वाहन समूह की होगी‚ जिसमें टैंक‚ सुरंगरोधी वाहन आदि बनाने वाली फैक्ट्रियों मर्ज होंगी।

तीसरा समूह हथियार और उपकरणों का होगा। इसमें छोटे‚ मध्यम एवं बड़े कैलीबर के हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों समाहित होंगी। चौथी कंपनी सैनिकों से जुड़े साजो–सामान बनाने के लिए होगी‚ जो ट्रूप कंपफर्ट आइटम ग्रुप होगा। पांचवां समूह एनिसलरी ग्रुप होगा‚ छठा आप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स ग्रुप होगा‚ जबकि सातवीं कंपनी पैराशूट ग्रुप की होगी। इस प्रकार सभी 41 फैक्ट्रियों को उनके रक्षा उत्पादन सामग्री के हिसाब से इन सात नई कंपनियों में तब्दील कर दिया जाएगा।

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