किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज यानी 26 दिसंबर को 31वां दिन है। अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) के एक महीने पूरे हो गए हैं। किसानों और केंद्र सरकार (Central Government) के बीच गतिरोध बरकरार है। अब तक बीच का रास्ता नहीं निकल पाया है। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 30 दिनों से पंजाब और हरियाणा समेत देश के अन्य इलाकों से आए किसान डंटे हैं।
किसान, सरकार से एमएसपी (MSP) पर गारंटी की मांग पर अड़े हुए हैं। नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर किसान यूनियनों ने बातचीत के लिए सरकार की नई पेशकश पर विचार के लिए 25 दिसंबर को बैठक की थी। संगठनों में से कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं।
यूनियनों ने कहा कि आज शनिवार को उनकी एक और बैठक होगी, जिसमें ठहरी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा।
बता दें कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज यानी 26 दिसंबर को 31वां दिन है। अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं। अलग-अलग राज्यों से किसानों के धरनास्थल पर पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों का आरोप है कि UP और उत्तराखंड पुलिस-प्रशासन किसानों को वहां पहुंचने से रोक रहा है।
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किसानों और सरकार के बीच अब तक 6 दौर की बैठकें हो चुकी हैं लेकिन सभी बेनतीजा रहीं। दो दिन पहले एक बार फिर सरकार ने किसानों को बातचीत का प्रस्ताव दिया था। इसी प्रस्ताव पर आज संयुक्त किसान मोर्चा की 2 बजे महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस बैठक में देश के 40 किसान संगठन शामिल होंगे। इस मीटिंग में सरकार से बातचीत पर आखिरी फैसला होगा।
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