Farmers Protest: आंदोलन के 100 दिन पूरे, केएमपी एक्सप्रेस-वे जाम करेंगे किसान

आज यानी 6 फरवरी को कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) को 100 दिन पूरे हो चुके हैं। सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों ने ऐलान किया है कि वह आंदोलन को ओर तेज करेंगे।

Farmers Protest

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं।

आज यानी 6 फरवरी को कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) को 100 दिन पूरे हो चुके हैं। सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों ने ऐलान किया है कि वह आंदोलन को ओर तेज करेंगे। किसान संगठनों ने 6 मार्च को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक केएमपी एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक रोककर विरोध जताने का फैसला किया है।

6 मार्च से देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अधिक संख्या में युवाओं को जोड़ा जा रहा है। आंदोलन स्थल पर गर्मी से मुकाबले के लिए पंखे, कूलर और एसी लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा पीने के पानी, छबील और गन्ने के रस की व्यवस्था की गई है। किसानों ने प्रदर्शनस्थल पर बोरवेल भी लगवा लिया है।

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वहीं, किसान टोल प्लाजा को टोल फीस जमा करने से भी मुक्त करेंगे। हालांकि, किसानों के मुताबिक यह पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों से आह्वान किया है कि 100 दिन पूरे होने पर काली पट्टी बांध अपना विरोध दर्ज कराएं। सिंघु बॉर्डर से किसान कुंडली पहुंच एक्सप्रेस वे का रास्ता ब्लॉक करेंगे तो वहीं इस मार्ग पर पड़ने वाले टोल प्लाजा को भी ब्लॉक करेंगे।

गाजीपुर बॉर्डर से किसान डासना टोल की ओर कूच करेंगे। टिकरी बॉर्डर से नजदीक बहादुरगढ़ बॉर्डर ब्लॉक करेंगे। साथ ही शाजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसान गुरुग्राम-मानेसर को छूता केएमपी एक्सप्रेस वे ब्लॉक करेंगे। किसानों की तरफ से ये भी कहा जा रहा है कि जिन बॉर्डर्स से जो टोल प्लाजा नजदीक होगा उसे भी ब्लॉक कर दिया जाएगा।

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वहीं, जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उन राज्यो में सरकार विरोधी प्रदर्शन किए जाएंगे। आठ मार्च को महिला किसान दिवस के रूप में मनाएगा। देशभर के सभी संयुक्त किसान मोर्चे के धरना स्थल आठ मार्च को महिलाएं संचालित करेंगी। इस दिन महिलाएं ही मंच प्रबंधन करेंगी और वक्ता भी होंगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने उस दिन महिला संगठनों और अन्य लोगों को आमंत्रित किया है।

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किसानों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 15 मार्च को निजीकरण विरोधी दिवस का समर्थन किया है। किसान इस दिन को कॉरपोरेट विरोधी दिवस के रूप में मनाएंगे। बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं।

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