कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में 20 लाख लोगों की गई जान, गरीब देशों में वैक्सीन के पड़े लाले

कोविड-19 वैक्सीन (Covid Vaccine) की अधिकतर खुराक अमीर देशों ने खरीद ली हैं। दुनिया के विकासशील देशों में वैक्सीन पहुंचाने लिए शुरू की गई संयुक्त राष्ट्र समर्थित परियोजना कोवैक्स को वैक्सीन, धन और साजो-समान संबंधी समस्या से जूझना पड़ रहा है।

Covid Vaccine

Covid Vaccine of Coronavirus। प्रतिकात्मक चित्र

कोविड-19 (Coronavirus) के कारण दुनियाभर में मरने वालों की संख्या करीब 20 लाख हो गई। हालांकि कई देशों ने महामारी पर काबू पाने के लिए अपने यहां वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है लेकिन गरीब और कम विकसित देशों में वैक्सीन (Covid Vaccine) पहुंचने में दिक्कत है।

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कोविड-19 (Coronavirus) दिसंबर 2019 में पहली बार चीन के वुहान शहर में सामने आया था। जोन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय द्वारा संकलित किए गए मृत्यु संबंधी आंकड़े ब्रसेल्स, मक्का और वियना की आबादी के बराबर हैं। गौरतलब है कि शुरुआती 10 लाख लोगों की मौत आठ महीनों में हुई थी लेकिन अगले 10 लाख लोग चार महीने से भी कम समय में मर गए।

मौत के ये आंकड़े दुनियाभर में सरकारी एजेंसियों द्वारा बताए गए हैं, जबकि बीमारी के कारण मरने वालों की असल संख्या अधिक हो सकती है क्योंकि महामारी के शुरुआती दिनों में मौत होने के कई अन्य कारण भी बताए गए थे। ब्रॉउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विशेषज्ञ डॉ आशीष झा ने बताया कि काफी लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक समुदाय ने असाधारण काम किया है।

अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल, कनाडा और जर्मनी जैसे संपन्न देशों में लाखों लोगों को सुरक्षा देने का काम शुरू किया जा चुका है। उन्हें कम से कम वैक्सीन (Covid Vaccine) की एक खुराक दी गई है। कई ऐसे देश हैं जहां वैक्सीन पहुंचा ही नहीं है। कई विशेषज्ञ अनुमान जता रहै हैं कि ईरान, भारत, मेक्सिको और ब्राजील में यह साल भी दुश्वारी भरा हो सकता है। दुनियाभर में कोविड-19 से मरने वालों में आधे लोग इन्हीं देशों से थे।

सम्पन्न देशों में वैक्सीनेशन अभियान तो चल रहा है लेकिन गरीब देशों में इस अभियान को चलाने में कई बाधाएं हैं। इनमें कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली होना, लचर परिवहन व्यवस्था, भ्रष्टाचार और वैक्सीन (Covid Vaccine) को फ्रीज़र में रखने के लिए बिजली का अभाव शामिल हैं।

कोविड-19 वैक्सीन (Covid Vaccine) की अधिकतर खुराक अमीर देशों ने खरीद ली हैं। दुनिया के विकासशील देशों में वैक्सीन पहुंचाने लिए शुरू की गई संयुक्त राष्ट्र समर्थित परियोजना कोवैक्स को वैक्सीन, धन और साजो-समान संबंधी समस्या से जूझना पड़ रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि इस साल दुनिया के 70 फीसदी लोगों को वैक्सीन (Covid Vaccine) लगाने का लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि अगर कुछ देशों या स्थानों पर वैक्सीनेशन कर भी दिया जाता है तो यह दुनियाभर में लोगों को संक्रमण से नहीं बचाएगा।

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