चीन ने फिर चली एक नई चाल, अब उठाया ये मुद्दा

इस बार चीन की हरकत को देखते हुए भारत, तिब्बत मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाता दिख रहा है। भारत ने 7 सितंबर को चीन (China) को सख्त संदेश दिया कि भारत किसी दबाव में झुकने वाला नहीं है बल्कि ईंट का जवाब पत्थर से देगा।

Arunachal Pradesh Border

फाइल फोटो।

विदेशी मीडिया में भी अरुणाचल (Arunachal Pradesh) को लेकर कोई भ्रम की स्थिति नहीं है। लेकिन चीन, तिब्बत के साथ अरुणाचल प्रदेश पर भी दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत कहता है।

चीन (China) ने नई चाल चलते हुए एक बार फिर से कहा है कि अरुणाचल (Arunachal Pradesh), दक्षिणी तिब्बत है। 7 सितंबर को चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसने अरुणाचल प्रदेश को कभी भारत (India) के हिस्से के रूप में मान्यता नहीं दी है और अरुणाचल को लेकर उसका रुख अब भी वही है। भारत भी तिब्बत को लेकर अब तक चुप रहा है।

लेकिन इस बार चीन की हरकत को देखते हुए भारत, तिब्बत मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाता दिख रहा है। भारत ने 7 सितंबर को चीन (China) को सख्त संदेश दिया कि भारत किसी दबाव में झुकने वाला नहीं है बल्कि ईंट का जवाब पत्थर से देगा। भारत में बड़ी तादाद में तिब्बती निर्वासित जीवन जी रहे हैं। इन तिब्बतियों में धर्मगुरु दलाई लामा भी हैं।

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भारत की स्पेशल यूनिट में भी तिब्बतियों की मौजूदगी है। कहा जा रहा है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों के सामने तिब्बती स्पेशल फंट्रियर फोर्स (SFF) की तैनाती भारत की ओर से लिया गया बेहद अहम फैसला है। एसएफएफ में ज्यादातर तिब्बती ही हैं और उन्हें उस इलाके की बहुत अच्छी जानकारी है।

संभव है कि भारत एक बार फिर से फ्री तिब्बत का मुद्दा उठा सकता है। भारत के इसी कदम के जवाब में चीन ने अरुणाचल का मुद्दा उछाला है। चीन, अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) को दक्षिणी तिब्बत बताता है। चीन (China) की चाल को छोड़ दें तो अरुणाचल प्रदेश को लेकर कोई विवाद नहीं है। इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कोई विवाद नहीं है।

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अरुणाचल प्रदेश के साथ भारत की संप्रभुता को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली हुई है। अंतरराष्ट्रीय मानचित्रों में भी अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। विदेशी मीडिया में भी अरुणाचल (Arunachal Pradesh) को लेकर कोई भ्रम की स्थिति नहीं है। लेकिन चीन, तिब्बत के साथ अरुणाचल प्रदेश पर भी दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत कहता है। चीन और भारत के बीच मैकमोहन रेखा को अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा माना जाता है लेकिन चीन इसे नहीं मानता है।

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एक तो चीन (China) ने तिब्बत पर अपना कब्जा कर रखा है और दूसरी तरफ, अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा कहता है। बता दें कि 1950 के दशक में तिब्बत को अपने में मिलाने के बाद चीन ने अक्साई चीन के करीब 38 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। ये इलाके लद्दाख से जुड़े थे। चीन ने यहां नेशनल हाइवे 219 बनाया जो उसके पूर्वी प्रांत शिनजियांग को जोड़ता है। भारत ने इसे अवैध कब्जा बताया है।

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