Kargil War: जब गोलियां खत्म हुई तो संगीनों से ही लड़ने लगे थे हमारे जवान, जानें क्या हुआ था तब

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसका हल्ला पूरे विश्व में हुआ था। पाकिस्तान एक धोखेबाज देश है, इसका पता पूरे विश्व को इस युद्ध के जरिए पता लग गया था।

Kargil War 1999

फाइल फोटो।

Kargil War: टाइगर हिल पर एक्शन के दौरान हमारी टीम के पास गोलियां खत्म होने लगी तो संगीनों से ही दुश्मनों पर धावा बोल दिया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसका हल्ला पूरे विश्व में हुआ था। पाकिस्तान एक धोखेबाज देश है, इसका पता पूरे विश्व को इस युद्ध के जरिए पता लग गया था।

इस युद्ध में महज 19 साल की उम्र में हिस्सा लेकर अपनी बहादुरी से सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘परमवीर चक्र’ हासिल करने वाले योगेंद्र यादव ने भी अहम भूमिका निभाई थी। वे युद्ध (Kargil War) के उन दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि टाइगर हिल पर एक्शन के दौरान हमारी टीम के पास गोलियां खत्म होने लगी तो संगीनों से ही दुश्मनों पर धावा बोल दिया गया था।

बांग्लादेश को पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जानती थी दुनिया, Indian Army के पराक्रम से हुआ था आजाद

यादव के मुताबिक, “हमने टाइगर हिल पर 3 और 4 जुलाई को कब्जा किया था। इस दौरान 18 ग्रेनेडियर्स ने इस जंग में 9 जवानों की शहादत दी थी। टाइगर हिल पर कब्जे की जिम्मेदारी घातक प्लाटून (30 से ज्यादा सैनिकों की कमांडो यूनिट) को दी गई थी।”

ये भी देखें-

योगेंद्र यादव कहते हैं, “एक वक्त ऐसा आया जब पाकिस्तान के तीन बार लगातार हमला करने के बाद हमारा गोला बारूद और गोलियां खत्म हो गईं। इस दौरान हमने संगीनों (एक तरह का चाकू) का इस्तेमाल कर दुश्मनों पर हमला बोला। इस दौरान मेरे 6 साथी शहीद हो गए थे और मैं किसी तरह से बच सका था। मैंने इसके बाद अपने सीनियर अधिकारियों को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी थी।”

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें