Kargil War 1999: भारतीय सेना के सामने थी ये सबसे बड़ी चुनौती! फिर भी दुश्मनों पर बरपाया कहर

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) को इतनी आसानी से जीत नहीं मिली थी। भारतीय सेना के 527 जवानों ने शहादत दी थी और 1,300 जवान घायल हुए थे।

Kargil War 1999

फाइल फोटो।

Kargil War 1999: भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों का ये देश हमेशा कर्जदार रहेगा। इस युद्ध में भारतीय सेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी दुश्मनों का ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जा जमा कर बैठ जाना। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) में भारतीय सेना (Indian Army) को इतनी आसानी से जीत नहीं मिली थी। भारतीय सेना के 527 जवानों ने शहादत दी थी और 1,300 जवान घायल हुए थे। इस त्याग के बाद ही हमारी सेना ने जीत हासिल की थी। करीब 60 दिनों तक युद्ध चला और 26 जुलाई, 1999 को कारगिल जंग में विजय की घोषणा हुई थी।

भारतीय सेना के वीर सपूतों का ये देश हमेशा कर्जदार रहेगा। इस युद्ध में भारतीय सेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी दुश्मनों का ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जा जमा कर बैठ जाना। पाकिस्तानी सेना कारगिल के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जा जमाकर बैठ गई थी। यह इलाके काफी ऊंचाई पर थे।

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पाकिस्तानी सेना इस मामले में बेहद फायदे में थी, क्योंकि हमारे जवान चढ़ाई कर उन तक पहुंचते थे। इस दौरान हमारे वीर सपूत कई किलो मीटर का सफर रात को ही तय करते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि दुश्मनों को रात में वे दिखाई नहीं देते थे। वहीं, कई बार तो हमारे जवान दुश्मनों को दिखाई देते तो हमले का शिकार हो जाते। कुछ जवान तो इसी दौरान शहीद हुए थे और कई घायल।

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हमारे जवान कई किलो मीटर तक पैदल खाली हाथ नहीं, बल्कि 20 से 30 किलो ग्राम वजन लेकर चलते थे। वे अपने पास हथियार और खाने का जरूरी सामान साथ लेकर सफर तय करते थे। जैसे ही दुश्मनों के ठिकाने पर पहुंचते, घात लगाकर हमला बोल देते। इसी तरह बेहद मुश्किल हालातों के बीच कई चोटियों को दुश्मनों से आजाद करवाया गया था।

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