India Pakistan War 1965: जब भारतीय जवानों ने पाकिस्तनी सैनिकों को खदेड़ा और खेमकरण वापस ले लिया

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारी क्षति हुई थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था। इस युद्ध में खेमकरण एक ऐसी जगह हैं जो काफी मायने रखती है।

War of 1965

फाइल फोटो।

India Pakistan War 1965: युद्ध का अंत तब हुआ जब पंजाब के तरनतारन जिले के खेमकरण में भारत से कमजोर साबित होने के बाद पाकिस्तान थम गया।

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारी क्षति हुई थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था। इस युद्ध में खेमकरण एक ऐसी जगह हैं जो काफी मायने रखती है।

हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध (India Pakistan War 1965) की नींव कच्छ के अनजान और बियाबान इलाके में हुई सीमित मुठभेड़ से रखी गई थी। युद्ध का अंत तब हुआ जब पंजाब के तरनतारन जिले के खेमकरण में भारत से कमजोर साबित होने के बाद पाकिस्तान थम गया।

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यहां पाकिस्तान को भारतीय सैनिकों ने हर मोर्चे पर फेल किया था। दुश्मनों ने 8 सितंबर, 1965 को खेमकरण सेक्‍टर के उसल उताड़ गांव पर धावा बोल दिया था। ये हमला पैदल सैन्य टुकड़ी के साथ पैटन टैंक के साथ किया गया था। हमारे जवानों ने इस दौरान दुश्मन के टैंकों पर बारीकी से नजर रखी थी।

इस ऑपरेशन में शुरू में पाकिस्‍तान को कामयाबी मिली थी, लेकिन बाद में डर के मारे पाकिस्‍तानी सैनिक उल्‍टे पांव भागे थे। पाकिस्तान को यहां मिली पटखनी के बाद वह समझ गया था कि भारतीय सेना से मोर्चा लेना काफी मुश्किल है। भारतीय सेना अन्य ऑपरेशन्स में भी कमाल कर चुकी थी। पाकिस्तान पूरी तरह से बैकफुट पर था।

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नतीजन युद्ध के अंत में भारत ने पाकिस्तान के सियालकोट, लाहौर और कश्मीर के कुछ उपजाऊ इलाके जीत लिए थे। इस युद्ध में भारत फायदे में था और पाकिस्तान नुकसान में रहा था।

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