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India Pakistan War 1948: पाकिस्तान (Pakistan) का ऐसा सोचना ही उसे भारी पड़ गया था। पाकिस्तान ने तब कश्मीर (Kashmir) में घुसपैठ कर कबायलियों के जरिए आतंक मचा दिया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1948 में पहला युद्ध (India Pakistan War 1948) लड़ा गया था। आजादी के बाद दोनों देश आमने-सामने थे। वजह थी कश्मीर (Kashmir) पर पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे की चाह रखना। भारत के लिए यह कभी स्वीकार्य नहीं था। कश्मीर तब न पाकिस्तान का हिस्सा था और न ही भारत का।
भारत से अलग होकर पाकिस्तान की मंशा सिर्फ और सिर्फ कश्मीर हड़पने की थी। वह इस कोशिश में अपना सबकुछ दांव पर लगा देने से भी पीछे नहीं हट रहा था।
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पाकिस्तान ने पेशावर के कमीश्नर की मदद से कबायलियों को कश्मीर फतह के लिए भेजा था। पाकिस्तान को लगा था कि वह श्रीनगर से कश्मीर के राजा हरि सिंह को भगाकर कश्मीर पर कब्जा कर लेगा क्योंकि राजा के पास अपनी सेना नहीं है।
पाकिस्तान का ऐसा सोचना ही उसे भारी पड़ गया था। पाकिस्तान ने तब कश्मीर में घुसपैठ कर कबायलियों के जरिए आतंक मचा दिया था। महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं तेजी से बढ़ने लगी थी। कबायलों द्वारा लोगों को मौत के घाट उतार देना या फिर किसी के साथ मारपीट आम बात हो गई थी।
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कश्मीर में इस तरह के अशांति से राजा हरि सिंह चिंतित थे। एक वक्त ऐसा आया जब पाकिस्तानी सेना और कबायलियों ने मिलकर कश्मीर पर धावा बोल दिया। राजा हरि सिंह ने आानन-फानन में भारत से मदद मांगी। इसके बाद राजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय के कागजों पर हस्ताक्षर किए तो भारतीय सेना ने कश्मीर में अशांति फैले रहे सैनिकों और कबायलियों को बुरी तरह से खदेड़ दिया था।
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