Exclusive: बचपन में किरण बेदी हुईं प्रेरित, अब वर्दी पहन नक्सलियों के लिए बन गई हैं काल

हजारीबाग के नक्सल प्रभावित इलाके में नक्सली, एक महिला के सिर्फ नाम से ही थर्राते हैं। यह महिला इन इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ बेधड़क लोहा लेती हैं और उन्होंने इनका जीना दुश्वार कर रखा है।

Annu Nowal

'सिर्फ सच' की इस Exclusive पेशकश में आज हम बात कर रहे हैं अन्नू नोवाल (Annu Nowal) की। अन्नू नोवाल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 22वीं बटालियन की अल्फा कम्पनी की कमांडर हैं।

Exclusive: हजारीबाग के नक्सल प्रभावित इलाके में नक्सली, एक महिला के सिर्फ नाम से ही थर्राते हैं। यह महिला इन इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ बेधड़क लोहा लेती हैं और उन्होंने इनका जीना दुश्वार कर रखा है। ‘सिर्फ सच’ की इस Exclusive पेशकश में आज हम बात कर रहे हैं अन्नू नोवाल (Annu Nowal) की। अन्नू नोवाल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 22वीं बटालियन की अल्फा कम्पनी की कमांडर हैं। अन्नू नोवाल की बहादुरी के किस्से हम आपको आगे बताएंगे लेकिन उससे पहले हम आपको बताते हैं कि पुलिस बल में भर्ती होने की प्रेरणा उन्हें कैसे मिली?

Annu Nowal
CRPF कैंप  में ग्रामीणों के साथ अन्नू नोवाल।

अन्नू नोवाल (Annu Nowal) बताती हैं कि वो पूर्व IPS अधिकारी किरण बेदी (IPS Kiran Bedi) को अपना आदर्श मानती हैं। बचपन में ही उन्होंने ठान लिया था कि वो किरण बेदी की तरह ही वर्दी पहनकर देश की सेवा में अपनी जिंदगी व्यतीत करेंगी। वो बताती हैं कि बिरला बालिका विद्यापीठ (पिलानी, राजस्थान) में जब वो पढ़ाई कर रही थीं तब किरण बेदी एक वार्षिक समारोह की मुख्य अतिथि थीं। उन्हें वहां देखने के बाद अन्नू नोवाल के दिल-ओ-दिमाग में भी वर्दी पहनने का जुनून सवार हुआ। उसी समय उन्होंने ठान लिया कि नौकरी वो वर्दी वाली ही करेंगी।

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राजस्थान के पिलानी की रहने वाली अन्नू नोवाल आज हाथों में रायफल लेकर घने जंगल से लेकर ऊंचे पहाड़ों की चोटी तक के अभियान का नेतृत्व करती हैं। हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो के बीच घिरे जंगल और झुमरा पहाड़ जाने के रास्ते में माओवादियों पर बेखौफ अन्नू नोवाल ने जबदस्त नकेल कस दी है। कार्यकुशलता के साथ-साथ अन्नू नोवाल (Annu Nowal) सामाजिक ताने-बाने को बुनने में भी काफी कुशल हैं।

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खुद स्थानीय लोग मानते हैं कि ये महिला कमांडर अपनी मृदु भाषी छवि से सबको अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। अन्नू नोवाल (Annu Nowal) सुदूरवर्ती गांव में रहने वाली लड़कियों और युवतियों को सुरक्षा बलों में भर्ती होने के लिए प्रेरित करती हैं। इतना ही नहीं वह समय-समय पर गांव में नागरिक सहायता कार्यक्रम के तहत बच्चों को पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने तथा चिकित्सकों के जरिए लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने जैसी गतिविधियों में भी सक्रियता से हिस्सा लेती हैं।

अन्नू नोवाल (Annu Nowal) सीआरपीएफ 2013 बैच की महिला अधिकारी हैं। उन्होंने कमांडो कोर्स भी किया है। अन्नू नोवाल फिलहाल हजारीबाग के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में कंपनी कमांडेंट का दायित्व निभा रही है। उन्होंने अपनी बेहतरीन प्रयासों से ग्रामीणों का भरोसा हासिल किया और आज उनकी कोशिशों से इलाके के हालात बदल रहे हैं। उनकी बहादुरी के आगे लाल आतंक हार रहा है और इलाके में शांति बहाल हो रही है।

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