पांच भाइयों में त्रिवेश प्रकाश तिवारी (Martyr Trivesh Prakash Tiwari) चौथे नंबर के थे। घर में त्रिवेश की शादी की बात चल रही थी।
आतंकियों (Terrorists) के खिलाफ कार्रवाई के दौरान गोली लगने से सेना (Indian Army) के जवान त्रिवेश प्रकाश तिवारी शहीद हो गए। शहीद त्रिवेश प्रकाश तिवारी (Martyr Trivesh Prakash Tiwari) महज 24 साल के थे। वे उत्तर प्रदेश के बिंद के नंदापुर गांव के रहने वाले थे। उनके शहीद होने की खबर आधी रात को उनके घर पहुंची।
उनकी शहादत की खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया। उनके गांव के लोग त्रिवेश की शहादत की खबर से सदमे में हैं। जवान के शहीद होने की खबर मिलते ही उनके घर पर लोग उमड़ पड़े। सिसकते हुए शुभचिंतकों का तांता लगा हुआ था। सभी परिजनों को ढाढ़स बंधा रहे थे।
7 मार्च की रात सेना के अधिकारी ने फोन पर बताया गया कि सात मार्च को त्रिवेश साथी जवानों के साथ एलओसी (LoC) पर गश्त पर थे, तभी आतंकवादियों से मुठभेड़ (Encounter) हो गई। मुठभेड़ के दौरान त्रिवेश को गोली लग गई। उन्हें सेना के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका निधन हो गया। उनके पिता का नाम अरुण तिवारी है।
पांच भाइयों में त्रिवेश प्रकाश तिवारी (Martyr Trivesh Prakash Tiwari) चौथे नंबर के थे। सबसे बड़े श्रीपति तिवारी भाजपा नेता हैं, देव प्रकाश तिवारी सेना में जवान है और सबसे छोटा हरिमोहन गांव में रहता है। शहीद त्रिवेश ने केवी अवस्थी चिल्ड्रेन पैराडाइज स्कूल से कक्षा एक से पांच तक शिक्षा ग्रहण की थी। जिसके बाद उन्होंने कानपुर में आगे की पढ़ाई करने के बाद सेना ज्वॉइन कर लिया था।
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त्रिवेश तिवारी के भाई हरिमोहन बताते हैं कि त्रिवेश सेना की 6 आरआर की डेल्टा कंपनी में गनर के पद पर तैनात थे। उनकी पोस्टिंग कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में थी। उन्होंने बताया कि त्रिवेश 28 अक्टूबर को छुट्टी काट कर कुपवाड़ा गए थे। हरिमोहन ने आगे बताया कि घर में त्रिवेश की शादी की बात चल रही थी।
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