War of 1971: बीते 45 सालों से इस टेबल को परंपरा के तहत रोजाना सजाया जाता है। इस डाइनिंग टेबल को इंतजार है कि वे 54 वीर सैनिक जरूर लौटकर आएंगे।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध (War of 1971) के दौरान पाकिस्तान ने हमारे 54 सैनिकों को युद्ध बंदी बना लिया था। पाकिस्तान आज तक यह बात स्वीकार नहीं करता, लेकिन हमारे पास इसके पर्याप्त सबूत हैं। इस युद्ध हार के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। इन 54 सैनिकों का परिवार आज भी इनकी राह देखता है।
वहीं, पुणे के खड़कवासला में स्थित नेशनल डिफेंस अकेडमी में एक डिनर की टेबल को रोजाना सजाया जाता है। बीते 45 सालों से इस टेबल को परंपरा के तहत रोजाना सजाया जाता है। इस डाइनिंग टेबल को इंतजार है कि वे 54 वीर सैनिक जरूर लौटकर आएंगे।
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इसी उम्मीद में इस टेबल को 54 युद्ध बंदियों के इंतजार में सजाया जाता है। इस टेबल पर लगे कार्ड में लिखा है कि यह टेबल सेट छोटा है जो केवल एक व्यक्ति के लिए है जो अपने उत्पीड़कों के खिलाफ एक कैदी के दोष का प्रतीक है।
इस टेबल पर खाना नहीं परोसा जाता। सिर्फ बरतन को सजाया जाता है। इसके साथ ही 54 सैनिकों के सम्मान में इसकी टेबल को भी आगे की तरफ झुका कर रखा गया है।
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बता दें, 1971 में लड़े गए इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया था। सरेंडर करते ही 93,000 सैनिकों को गिरफ्तार किया गया था। युद्ध के 8 महीने बाद शिमला समझौते के तहत इन पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा कर दिया गया।
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