Kargil War: सेना नायक के पद से रिटायर होने वाले भरत सिंह के मुताबिक वह सर्चिंग ड्यूटी में थे तभी फायरिंग हो गई थी। उन्होंने बताया कि गोली लगने पर उन्हें मेडिकल स्टाफ ने संभाला।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को भगा-भगाकर मारा था। भारतीय सेना के पराक्रम के आगे पाकिस्तानी सेना टिक नहीं पाई थी। पाकिस्तान को इस युद्ध में भारी नुकसान और बेइज्जती झेलनी पड़ी। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय जवानों ने ऐसा शौर्य दिखाया जिसे यादकर आज भी सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। वहीं कुछ जवान तो ऐसे होते हैं जिनकी बहादुरी उन्हें सबसे अलग बनाती है और हमेशा उनकी जांबाजी के किस्से चर्चा में रहते हैं।
ऐसे ही एक जवान थे कॉन्सटेबल भरत सिंह। उन्होंने जंग के मैदान में दिखा दिया था कि भारतीय जवान धरती मां के लिए किस हद तक जा सकता है। उन्होंने युद्ध के दिनों को लेकर अक्सर मीडिया से बातचीत में कई बातें शेयर की हैं।
ये भी पढ़ें- Coronavirus: कम नहीं हो रहा देश में कोरोना का तांडव, 24 घंटे में सामने आए 86,508 नए मामले
वह बताते हैं ‘बिल्कुल अंधेरी रात थी। दुश्मन पूरी ताकत से हमारे ऊपर फायरिंग कर रहा था। हमने भी इस तरफ से क्रॉस फायरिंग शुरू कर दी। ठीक इसी वक्त एक गोली मेरे पेट में आकर लगी। मैं घायल होकर गिर गया, लेकिन जैसे ही गोली लगी मेरा उत्साह दो गुना और बढ गया था।’
सेना नायक के पद से रिटायर होने वाले भरत सिंह के मुताबिक वह सर्चिंग ड्यूटी में थे तभी फायरिंग हो गई थी। गोली लगने पर मुझे मेडिकल स्टाफ ने संभाला। मेरे साथ मेरी राजपूत बटालियन में 19 साथी और थे। जम्मू सेक्टर से द्रास सेक्टर की ओर रवाना हो रहे थे। तभी ये हमला हुआ था। लेकिन हमने दुश्मनों को हराकर अंत में कारगिल (kargil war) में जीत हासिल की थी।
ये भी देखें-
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App