Air Strike

नक्सलियों (Naxalites) में एयर स्ट्राइक का डर सीधे तौर पर देखा जा सकता है। नक्सली एयर स्ट्राइक (Air Strike) की आशंका से बेहद डरे हुए लग रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों (Naxalites) के बीच एक खौफ तेजी से फैल रहा है। और इसकी वजह है एयर स्ट्राइक की आशंका।

नक्सलियों (Naxalites) का कहना है कि बीजापुर में हुए नक्सली हमले के 18 दिन बाद सुरक्षाबलों ने इस नक्सली इलाके में एयर स्ट्राइक की है।

भारतीय सेनाएं बीते कुछ समय में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ जबरदस्त एक्शन ले चुकी हैं। सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) और एयर स्ट्राइक (Air Strike) तक की गई हैं।

Balakot: पाक सरकार इस एयर स्ट्राइक और उससे हुए नुकसान को हमेशा नकारती रही है। लेकिन इस बार पूर्व राजनयिक ने खुद इस मामले को स्वीकार किया।

इजरायल बीते 6 अगस्त से हमास के ठिकानों पर इसी तरह से हमलावर है। गाजा पट्टी से आतंकवादी समूहों ने दक्षिणी इजरायल में आग लगाने वाले विस्फोटक सामग्री भेजी थी।

पिछले साल फरवरी में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने एयर स्ट्राइक (Air Strike) कर पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इंटेलीजेंस और काउंटर टेरर ऑपरेटिव्स के मुताबिक, अब वह फिर से सक्रिय हो गया है।

एयर फोर्स डे की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने बताया कि पिछले एक साल में भारतीय वायु सेना ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं।

23 सितंबर को काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस (Council on Foreign Relations) में कई मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए इमरान खान ने वह कर दिया जिसे पाकिस्तान हमेशा से नकारता आ रहा है।

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने बालाकोट एयरस्ट्राइक ( Air Strike) को लेकर कुछ खास बातें शेयर की हैं। एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने रात के वक्त ही क्यों बालाकोट में कार्रवाई की थी?

Independence Day 2019: पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम देने वाले वायुसेना के 5 जांबाज पायलटों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वायुसेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा।

सर्विलांस के मुताबिक आतंकी कैम्प में 300 मोबाइल फोन के एक्टिव होने की बात सामने आई थी, जिससे सीधे तौर पर पता चलता है कि वहां कितने आतंकी मौजूद थे।

19वीं सदी में सिख और मराठा शासकों को मिटाने और इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से सैयद अहमद बरेलवी ने बालकोट को जिहाद का केंद्र बनाने की कोशिश की थी।

पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की सुरक्षा बढ़ा दी है। मसूद अजहर को इस वक़्त दूर कहीं सेफ़ ज़ोन में रखा गया है।

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