तेजी से दौड़ रहा विकास का पहिया, सुस्त पड़ रही नक्सलवाद की रफ्तार
नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की रफ्तार तेज करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न सामाजिक और आर्थिक उपायों का सकारात्मक और दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है। आंकड़े इसकी गवाही देते हैं।
Govt roads & bridges push a success in reducing violence in LWE areas
The government is looking to fill critical gaps in public infrastructure and services of emergent nature in the most LWE affected districts. This Scheme is for 3 years i.e. from 2017-18 to 2019-20 with an outlay of INR 3000 crore.
नक्सलियों की पुनर्वास नीति में संशोधन, सरेंडर करने वालों को मिलेगा रोजगार
नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए, केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्यों में आत्मसमर्पण और पुनर्वास के लिए दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है। इसको तैयार करते समय नक्सल प्रभावित राज्यों की भौगोलिक और सामाजिक स्थिति को ध्यान में रखा गया है।
Govt outreach to Naxals brings success in affected areas
To bring Maoists into the mainstream, the Central Government has chalked out guidelines for surrender-cum-rehabilitation of the rebels in the Left Wing Extremist (LWE) affected States, keeping in mind the specific geographical and social landscape.
पिछले 5 सालों में नक्सली वारदातों में आई जबरदस्त कमी, जानिए कितने नक्सलियों का हुआ सफाया
आंकड़ों के मुताबिक नक्सली हिंसा की घटनाओं और इनमें होने वाली मौतों में पिछले पांच सालों में काफी कमी आई है। 2009-13 के बीच ऐसी घटनाएं जहां 60.4 फीसदी हुईं वहीं पिछले पांच सालों में यह आकंड़ा घट कर 43.4 फीसदी पर आ गया है।