भारत ने LAC पर पकड़े गए चीनी सैनिक को लौटाया, चीन ने की थी ये अपील

भारत ने लद्दाख में पकड़े गए चीनी सैनिक (Chinese Soldier) को 11 जनवरी की सुबह चीनी अधिकारियों को सौंप दिया। इस सैनिक को 10 बजकर 10 मिनट पर लद्दाख के चुशुल-मोल्डो मीटिंग पॉइंट पर चीन को सौंप दिया गया।

Chinese Soldier

फाइल फोटो।

पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में चीन और भारत के बीच चल रहे गतिरोध के बीच 8 जनवरी को भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिण के इलाके से एक चीनी सैनिक (Chinese Soldier) को पकड़ा था।

भारत ने लद्दाख में पकड़े गए चीनी सैनिक (Chinese Soldier) को 11 जनवरी की सुबह चीनी अधिकारियों को सौंप दिया। इस सैनिक को 10 बजकर 10 मिनट पर लद्दाख के चुशुल-मोल्डो मीटिंग पॉइंट पर चीन को सौंप दिया गया। बता दें कि पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में चीन और भारत के बीच चल रहे गतिरोध के बीच 8 जनवरी को भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिण के इलाके से एक चीनी सैनिक को पकड़ा था।

चीनी सैनिक से दोनों देशों के बीच बने प्रोटोकॉल के तहत पूछताछ की गई। हालांकि, सेना ने अभी तक इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। 10 जनवरी को चीन ने भारत से गुहार लगाई थी कि उसके सैनिक को वापस लौटा दिया जाए। चीन ने दलील दी थी कि पकड़ा गया चीनी सैनिक (Chinese Soldier) अंधेरे और मुश्किल भूगोल की वजह से रास्ता भटक गया था।

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चीनी सेना ने कहा था कि भारतीय सेना को दोनों देशों द्वारा किए गए प्रासंगिक समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए। भारतीय सेना को खोए हुए सैनिक (Chinese Soldier) को वापस करने के लिए समय बर्बाद नहीं करना चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच सीमा तनाव को कम करने और संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने के लिए सकारात्मक कारकों को जोड़ा जा सके।

भारतीय सेना (Indian Army) ने इस पर कहा था, “पीएलए के पकड़े गए सैनिक के साथ तय प्रक्रियाओं के मुताबिक व्यवहार किया जा रहा है और इसकी जांच की जा रही है कि उसने किन परिस्थितियों में एलएसी पार की।” गौरतलब है कि पिछले करीब तीन महीने में ये इस तरह की दूसरी घटना है। यह जानकारी भारतीय आधिकारियों ने 9 जनवरी को दी थी।

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भारतीय सेना ने एक बयान में कहा था, “पीएलए के सैनिक ने एलएसी पार की थी और उसे इस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों द्वारा हिरासत में ले लिया गया। इससे पहले भारतीय सैनिकों ने पिछले साल 19 अक्टूबर को पीएलए के कॉर्पोरल वांग या लांग को पकड़ा था ,जब वह लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में एलएसी पार करके भारत की सीमा में चला गया था। कॉर्पोरल को निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किये जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में चुशुल-मोल्डो सीमा बिंदु पर चीन को सौंपा गया था।”

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