झारखंड: PLFI का एरिया कमांडर गिरफ्तार, कई नक्सली वारदातों को दे चुका था अंजाम

PLFI के इस कुख्यात उग्रवादी को टेंपू के नाम से जाना जाता है। हालही में 10 अगस्त को इसने सत्तेश्वर सिंह की अनजाने में हत्या कर दी थी।

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गुमला के कामडारा थाना क्षेत्र में PLFI के इस नक्सली ने कई वारदातों को अंजाम दिया था। यहां इसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इस कुख्यात उग्रवादी को टेंपू के नाम से जाना जाता है।

झारखंड: गुमला पुलिस को उग्रवादी संगठन PLFI के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने कुख्यात एरिया कमांडर कालेश्वर हजाम को गिरफ्तार कर लिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, गुमला के कामडारा थाना क्षेत्र में इस नक्सली ने कई वारदातों को अंजाम दिया था। यहां इसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।

इस कुख्यात उग्रवादी को टेंपू के नाम से जाना जाता है। हालही में 10 अगस्त को इसने सत्तेश्वर सिंह की अनजाने में हत्या कर दी थी। इस उग्रवादी ने खुद ही इस बात की जानकारी पुलिस को दी है। पुलिस को कालेश्वर ने बताया कि सत्तेश्वर सिंह की हत्या भूल से हो गई थी।

कालेश्वर ने बताया कि पीएलएफआई के तिलकेश्वर सिंह ने कामडारा थाना क्षेत्र के मुरुमकेला निवासी जलेश्वर सिंह की हत्या का निर्देश दिया था लेकिन दोनों का चेहरा मिलने के कारण गलती से सत्तेश्वर सिंह की हत्या हो गई।

जिले के एसपी हरदीप पी जनार्दन के निर्देश पर गठित पुलिस टीम के सामने कालेश्वर ने ये बयान दर्ज कराया। जलेश्वर सिंह पीएलएफआई के रास्ते में रोड़ा बन चुका था और वह पुलिस मुखबिरी के साथ लेवी लेने में परेशानी खड़ा करता था।

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कालेश्वर ने पुलिस के सामने अपनी पूरी प्लानिंग समझाई। कालेश्वर ने बताया, ‘जलेश्वर सिंह की हत्या करने से पहले साथी उग्रवादी गोपाल होरो ने गांव के एक व्यक्ति द्वारा जलेश्वर सिंह का वोटर कार्ड मंगवाया। इस वोटर कार्ड में सत्तेश्वर सिंह की शक्ल जलेश्वर सिंह से मिल रही थी। स्थानीय सूत्रों से पता चला था कि जलेश्वर सिंह गांव के फुटबॉल मैदान में फुटबॉल खेल रहा है। खेल खत्म होने पर वोटर आईडी कार्ड से मिलता जुलता चेहरा मिल गया और हम लोगों ने उस पर गोली चला दी। बाद में पता चला कि जिस व्यक्ति की हत्या की गई है, वह वास्तव में जलेश्वर सिंह नहीं बल्कि सत्तेश्वर सिंह है।’

इस घटना को 10 अगस्त की शाम अंजाम दिया गया। इस घटना में कालेश्वर उर्फ टेम्पू हजाम, गोपाल होरो सहित 4 से 5 पीएलएफआई के उग्रवादी शामिल थे।

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