चीनी सैनिकों के चंगुल से छुड़ाकर भारतीय सेना ने जिस ‘ब्लैक टॉप’ पर कब्जा किया, कहां है वो?

Black Top: रणनीतिक नजरिए से देखें, तो ये पहाड़ी काफी महत्वपूर्ण है। इसीलिए इस पहाड़ी पर भारतीय सेना का कब्जा करना बहुत जरूरी था।

Black Top

प्रतीकात्मक फोटो

पहले ब्लैक टॉप (Black Top) पहाड़ी पर चीन का कब्जा था लेकिन अब इस पर भारत ने कब्जा कर लिया है। इसीलिए चीन बौखलाया हुआ है। पहाड़ी पर कब्जे के साथ ही भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है।

पैंगोंग लेक पर एक पहाड़ी है, जिस पर भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया है और चीन के चंगुल से इसे मुक्त करा लिया है। इस पहाड़ी का नाम ‘ब्लैक टॉप’ (Black Top) है। पहाड़ी पर कब्जे के साथ ही भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है।

रणनीतिक नजरिए से देखें, तो ये पहाड़ी काफी महत्वपूर्ण है। इसीलिए इस पहाड़ी पर भारतीय सेना का कब्जा करना बहुत जरूरी था। भारतीय सेना के जवानों ने ना केवल इस पहाड़ी को चीनी सैनिकों से मुक्त कराया बल्कि पहाड़ी पर मौजूद चीनी सीसीटीवी और संचार के उपकरणों को भी हटा दिया है।

इस विवाद की शुरुआत आज या कल में नहीं हुई है बल्कि मई से ही पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील का इलाका विवादित रहा है। इस झील की ऊंचाई 4270 मीटर है और लंबाई 135 किलोमीटर है। इसका क्षेत्र 600 वर्ग किलोमीटर है।

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बता दें कि इस झील का करीब 2 तिहाई हिस्सा चीन के कब्जे में है, वहीं 45 किलोमीटर का हिस्सा भारत के पास है। इस झील के पश्चिमी हिस्से को LAC बांट देती है।

विवाद क्या है?

पैंगोंग झील के पास एक विवादित क्षेत्र है जो ब्लैक टॉप पहाड़ी के नजदीक ही है। ये चुशूल से 25 किमी पूर्व में है। पहले ब्लैक टॉप पहाड़ी पर चीन का कब्जा था लेकिन अब इस पर भारत ने कब्जा कर लिया है। इसीलिए चीन बौखलाया हुआ है।

ब्लैक टॉप के पीछे ही फिंगर-4, फिंगर-8 हैं। फिंगर-4 पर भी चीन अपना कब्जा ठोंकता रहा है। वहीं अब हालात ये हैं कि भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिणी इलाके पर खुद को अच्छी तरह से स्थापित कर लिया है। ऐसे में चीन को भारत मुंहतोड़ जवाब देने की स्थिति में है। इन सब बातों से चीन बौखलाया हुआ है।

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