सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की साजिश नाकाम, सर्च ऑपरेशन में मिले 25 डेटोनेटर और तार

पुलिस की कठोर कार्रवाई से नक्सलियों (Naxalites) में खौफ पैदा हो गया है। ऐसे में नक्सली, पुलिस और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।

Naxalites wanted to harm security forces

सर्च ऑपरेशन में मिले 25 डेटोनेटर और तार

पुलिस की कठोर कार्रवाई से नक्सलियों ((Naxalites) में खौफ पैदा हो गया है। ऐसे में नक्सली पुलिस और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए कई रास्ते अपना रहे हैं।

बिहार और झारखंड में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में सीआरपीएफ (CRPF)की 215 बटालियन के जवानों ने बिहार और झारखंड के सीमा में तेलंगा जंगल से 25 डेटोनेटर और काफी मात्रा में तार बरामद किया है। ये जंगल चकाई के बरमोरिया में है। नक्सली इस सामान का इस्तेमाल बम बनाने में करते थे।

पुलिस की कठोर कार्रवाई से नक्सलियों ((Naxalites) में खौफ पैदा हो गया है। ऐसे में नक्सली पुलिस और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए कई रास्ते अपना रहे हैं। सर्च ऑपरेशन के दौरान तेलंगा जंगल में डेटोनेटर और तार का मिलना ये बताता है कि नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।

चकाई सीआरपीएफ A215 के कंपनी कमांडर रवीन कुमार के मुताबिक, सीआरपीएफ A215 के सीईओ मुकेश कुमार के निर्देश पर तेलंगा जंगल से गरुड़बाद जाने वाले रास्ते में और रास्ते में पड़ने वाले पुल पर सर्च अभियान चलाया गया था। इसमें जंगल के एक रास्ते पर 25 डेटोनेटर और काफी मात्रा में तार बरामद किया गया है।

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सीआरपीएफ के अनुसार, नक्सलियों द्वारा कुल 25 डेटोनेटर और तार पत्थरों के नीचे छिपाकर रखे गए थे। इससे ये पता चलता है कि इस क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बम प्लांट किया गया था। डेटोनेटर और तार का इस्तेमाल एक्सप्लोसिव बनाने में होता है।

बिहार पुलिस, सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस ने झारखंड और बिहार की सीमा में लगातार सर्च अभियान चला रखा है, जिससे सीमा क्षेत्र में नक्सलियों का खात्मा हो सके और विकास कार्य की गति बढ़ सके।

बता दें कि नक्सलियों ने बीते 2 महीने में क्षेत्र में हो रहे सड़क निर्माण कार्य में लगी जेसीबी और अन्य वाहनों को जला दिया था। इसके अलावा नक्सलियों ने पुल निर्माण में लगे कंपनी के लोगों के साथ भी मारपीट की थी।

इस क्षेत्र में नक्सलियों का घुसना बहुत आसान है क्योंकि नक्सली झारखंड में वारदात को अंजाम देकर बिहार के जंगल में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं और बिहार में वारदात करके झारखंड की सीमा में जंगली के रास्ते गिरिडीह के क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं।

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